
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर अतिरिक्त जिला कलक्टर, उपखण्ड, तहसील एवं उप तहसील कार्यालयों समेत 69 राजस्व इकाइयों के शुभारम्भ, लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को सम्बोधित किया। उन्होंनें कहा कि राज्य सरकार व्यापक जनहित के लिए ठोस
कदम उठा रही है। कोविड की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राज्य के हर क्षेत्र के संतुलित
विकास के लिए अनेक योजनाओं एवं कार्यक्रमों की शुरूआत की गई है। बजट घोषणाओं को समय
पर पूरा किया गया है। सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी, बिजली, सिंचाई आदि क्षेत्रों के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोडी है और आगे भी विकास की इस गति को जारी रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन के संकुल्प के अनुरूप प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी क्रम में अतिरिक्त जिला कलक्टर कार्यालय, उपखंड कार्यालय, तहसील कार्यालय एवं उप तहसील कार्यालयों का नवसृजन और क्रमोन्नयन किया गया है, ताकि राजस्व और प्रशासनिक कार्यों में तेजी आए और आमजन की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण हो। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि हमारी पिछली सरकार में लाए गए लोक सेवाओं की गारन्टी अधिनियम और सुनवाई का अधिकार अधिनियम को प्रदेश में लागू करने पर पुनः विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा विगत तीन सालों में ग्रामीणों की अनेक समस्याओं के समाधान का मार्ग प्रशस्त हुआ है। राज्य सरकार का मंतव्य है कि लोगों को अपने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए अधिक दूर नहीं जाना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नए एडीएम, एसडीएम, तहसील एवं उप तहसील कार्यालयों का शुभारम्भ हुआ है। प्रदेशभर में इतनी बडी संख्या में नए राजस्व कार्यालय खुलने से लोगों के जरूरी काम अपने घर के नजदीक ही हो सकेंगें। उन्हें दूर नही जाना पड़ेगा।
श्री गहलोत ने कहा कि आमजन की समस्याओं का मौके पर ही समाधान करने करने के लिए
राज्य सरकार द्वारा 2 अक्टूबर को प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांवों के संग अभियान
प्रारम्भ किया गया था।