
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में एक दिन का ही वक्त बाकी है। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट वोटर वेरिफाइट ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की पर्चियों के सत्यापन को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।कल इसपर सुनवाई होगी। याचिका में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में दर्ज वोटों की गिनती से पहले वीवीपैट की पर्चियों के वेरिफिकेशन की मांग की गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसारसीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने जानकारी दी कि आरटीआई कार्यकर्ता राकेश कुमार की तरफ से दायर याचिका कल तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है। अरोड़ा ने कहा कि मतगणना पूरी होने के बाद वीवीपैट के वेरिफिकेशन का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि तब तक चुनाव एजेंट्स निकल जाते हैं। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एजेंट्स की मौजूदगी में मतगणना से पहले वीवीपैट का वेरिफाई होना बहुत जरूरी है। अरोड़ा ने सुनवाई को कल के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था। इसपर मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण ने कहा, अगर आप अंतिम समय में आएंगी, तो हम कैसे मदद कर पाएंगे? परसों गिनती है। अगर हम इसे कल सुन भी लें, तो क्या ऐसे निर्देश जारी कर सकते हैं? अरोड़ा ने कहा कि निर्वाचन आयोग को निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जा सकता है। याचिका में हर निर्वाचन क्षेत्र में बूथ की संख्या बढ़ाने के आदेश देने की भी मांग की गई थी, जहां वीवीपैट का सत्यापन किया जाता है। फिलहाल, साल 2019 के एन चंद्रबाबू नायडू और ओआरएस बनाम भारत संघ और अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर हर निर्वाचन क्षेत्र में पांच चुने (रेंडम) हुए बूथों पर की जाती है।