इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी को पेंशन लाभ मामले में बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने कहा कि निगम की अनिश्चित वित्तीय स्थिति सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन लाभों के भुगतान में देरी का आधार नहीं हो सकती। मामले में जस्टिस इरशाद अली की खंडपीठ ने शिव कुमार बहादुर सिंह द्वारा दायर एक याचिका पर यह टिप्पणी की। इस मामले में बहादुर ने ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 की धारा 4 के संशोधित प्रावधानों के मद्देनजर ब्याज सहित ग्रेच्युटी की पूरी राशि का भुगतान करने के लिए सरकारी अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की।
मामले में याचिकाकर्ता ने यह जानकारी दी कि वह तृतीय श्रेणी कर्मचारी था। प्रतिवादियों ने ग्रेच्युटी की पूरी राशि का भुगतान करना स्वीकार किया है। साथ ही मई 2021 के महीने में 19,200 रुपये का भुगतान भी किया। याचिकाकर्ता के वकील के अनुसार तब से शेष राशि रु.3.06 लाख और उस पर अर्जित वैधानिक ब्याज अभी भी बकाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए प्रतिवादी चार महीने की अवधि में याचिकाकर्ताओं की बकाया ग्रेच्युटी राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया।
