मेवाड़ की प्रमुख शक्तिपीठ ईडाणा माता ने सोमवार को एक साल बाद अग्निस्नान किया। सुबह करीब 11:30 बजे अचानक मंदिर में प्रतिमा के समीप अग्नि प्रज्ज्वलित हुई। अग्निस्नान की सूचना मिलते ही आसपास के गांव से लोग दर्शन के लिए पहुंचने लगे। करीब 15 मिनट तक माता का अग्निस्नान चलता रहा।
मान्यता है कि मेवल की महारानी के नाम से प्रसिद्ध ईडाणा माता समय-समय पर अग्निस्नान करती रहती हैं। मेवल क्षेत्र में करीब 52 गांव आते हैं। इसमें से ईडाणा गांव भी एक है, जहां माता का मंदिर बना है। खास बात यह है कि इस स्नान का कोई समय या तिथि तय नहीं है। माता के अग्निस्नान के दर्शन करने वाले भक्त अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं। माताजी अग्निस्नान करती है तो सारा शृंगार जलकर भस्म हो जाता है, लेकिन माता जी की प्रतिमा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
स्नान के बाद माताजी को नया श्रृंगार कराया जाता है। इस स्नान को देखने के लिए देश विदेश से लोग आते हैं, लेकिन कोई समय सुनिश्चत नहीं होने की वजह से सभी को ये दर्शन नहीं होते। सोमवार सुबह ईडाणा माता ने जैसे ही अग्निस्नान किया तो आसपास के गांवों से लोग दर्शन के लिए जमा हो गए।
ये मंदिर उदयपुर शहर से 60 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। यहां मां का दरबार खुले चौक में स्थित है। चारों तरफ कमेटी के कार्यालय, धर्मशाला आदि बन गए हैं। यह भी मान्यता है कि लकवा से ग्रसित रोगी मां के दरबार में आकर ठीक हो जाते हैं।
इससे पहले मां ईडाणा ने 9 मार्च 2021 की शाम को 4 बजे अग्निस्नान किया था। इसके 5 दिन बाद 14 मार्च 2021 को भी अग्निस्नान हुआ था। करीब 12 महीने से ज्यादा वक्त के बाद ये अग्नि स्नान हुआ है। स्थानीय लोगों की मानें तो सन् 2020 में एक बार भी अग्नि स्नान नहीं हुआ था। 2019 में 2 बार अग्निस्नान हुआ था।
