
मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली प्राइवेट एजेंसी-स्काईमेट ने 2022 के लिए मानसून का पूर्वानुमान जारी कर दिया है। इसके अनुसार इस साल मानसून सामान्य रहने की संभावना है। मतलब, इस बार बारिश के 4 महीनों के दौरान 98 फीसदीबारिश होगी। अमूमन जून से सितंबर के बीच भारत में 880.6 मिमी वर्षा होती है।
स्काईमेट ने अपने इस अनुमान में 5 फीसदीकी कमी या बढ़ोतरी का भी मार्जिन रखा है। 96-104 फीसदीबारिश को सामान्य कहा जाता है।एजेंसी ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि फूड बाउल के नाम से मशहूर मप्र-यूपीऔर पंजाब, हरियाणा में सामान्य से भी ज्यादा बारिश हो सकती है। वहीं,गुजरात में सामान्य से कम बारिश होगी। राजस्थान और गुजरात के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी बारिश कम ही होगी।
दक्षिण भारत के केरल और कर्नाटक राज्यों में भी जुलाई-अगस्त के दौरान कम बारिश होगी। पूर्वानुमान के अनुसार देशभर में बारिश के सीजन का पहला हिस्सा, बाद वाले की तुलना में बेहतर रहेगा। जून में मानसून की अच्छी शुरुआत होने की संभावना है।
पिछले 2 मानसून सीजन में ला नीना का लगातार असर था। इससे पहले सर्दियों के मौसम में ला नीना तेजी से घटने लगा था, लेकिन पूर्वी हवाओं के तेज होने से इसकी वापसी रुक गई है। हालांकि प्रशांत महासागर में ला नीना के, दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत से पहले तक प्रबल होने की संभावना है। इसलिए आमतौर पर मानसून को बिगाड़ने वाले अल नीनो के होने से इनकार किया है।पूरे भारत में मानसून के 4 महीनों के दौरान औसत 880.6 मिलीमीटर बारिश होती है।इसे100 फीसदी बारिशमाना जाता है। स्काईमेट ने पिछले साल 907 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना जताई थी। इस बार इसे 862.9 मिमी का आंकड़ा दिया है। अगर एजेंसी का अनुमान सही साबित होता है, तो भारत में लगातार चौथे साल अच्छा मानसून होगा।