
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने छोटे बच्चों को टीका लगाने की मंजूरी दे दी है, लेकिन आयु वर्ग को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। न्यूज एजेंसियों के अनुसार भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 5 से 12 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों के लिए कोविड-19 रोधी टीके ‘कॉर्बेवैक्स’ और 6 से 12 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों के लिए ‘कोवैक्सीन’ टीके के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी है।आज मंगलवार को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 वैश्विक महामारी पर गठित विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की सिफारिशों के बाद डीसीजीआई ने इसके इस्तेमाल की अनुमति दी है।
वहीं, कुछ न्यूज पोर्टल्स का कहना है कि डीसीजीआई ने केवल6-12 आयुवर्ग के लिए ही दो वैक्सीन–कोवैक्सीन और कार्बोवेक्स को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी है।इसके अलावा 12 साल से अधिक की उम्र के बच्चों के लिए जायडस कैडिला की जायकोव डी वैक्सीन को भी आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। न्यूज पोर्टल्स की रिपोर्ट्स में 5 से 12 आयुवर्ग का जिक्र नहीं है।
उधर, न्यूज एजेंसियों द्वारा बच्चों के करीब-करीब एक जैसे दो आयुवर्गों (5-12 व 6-12) तथा उन्हें भिन्न टीके के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। इस बारे में विस्तार से कुछ भी नहीं बताया गया है।
फिलहाल 12-14 साल के बच्चों को कॉर्बेवैक्स वैक्सीन दी जा रही है। 15-17 साल के बच्चों को कोवैक्सिन की डोज दी जा रही है। आज मिली मंजूरी के बाद देश में 6 से 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को कुल 3 कोरोना वैक्सीन लगाई जाएंगी।मिली जानकारी के अनुसार अब अगले सप्ताह से कोवैक्सिननिजी एवं सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर उपलब्ध होगी। इन केंद्रों पर माता-पिता अपने बच्चों को यह टीका लगवा सकेंगे। मौजूदा समय में भारत में 12 साल से ऊपर के बच्चों को कोविड-19 का टीका लगाया जा रहा है।