
अलवर शहर के दशहरा मैदान पर रह रहे गाड़िया लुहार दर्शन के 8 बच्चे हैं। 4 मई को दर्शन की दो बेटियों भग्गो (21) व ममता (20) की शादी है। घर में खुद के खाने का राशन तक नहीं है। बारात को क्या खिलाएंगे। इस चिंता में दुल्हनें खुद शहर में मदद मांगने पहुंच गई। नेक कमाई समूह को पता लगा तो दुल्हन सहित परिवार को बुलाया और शादी का आवश्यक सामान दिया। इसके बाद दुल्हन की मौसी सकीना उनके पैरों में पड़ने लगी। बोली अब कुछ तो सहारा मिला। अब बारात के खाने का इंतजाम भी करने में लगे हैं।
दुल्हन ममता व भग्गो के पिता दर्शन ने कहा कि दो साल से कमाया हुआ पैसा कोरोना में खर्च हो गया। अब जेब में कुछ नहीं है। घर खाली है। बारात आने वाली है। उनके खाने का इंतजाम भी नहीं है। अब शहर के लोगों से ही उम्मीद है कि बेटी की शादी की खुशी में वे भी शामिल हों। ताकि बेटियों की खुशी-खुशी विदाई हो सके। गुड़गांव व बल्लभगढ़ के आसपास से बारात आएंगी। बाराती भी 100 से अधिक आ सकते हैं। इस कारण खाने का इंतजाम एक दिन पहले तक भी नहीं कर पाए हैं। पत्नी की कई साल पहले मौत हो चुकी है। इस कारण बच्चों को मौसी सकीना का सहारा मिला हुआ है। दर्शन से पूछा तो बोले कि टैंट लगाने के पैसे नहीं है। तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया है। इतनी गर्मी में बारात आएगी। उसके रुकने व खाने का इंतजाम करने में लगे हैं। अभी नेक कमाई समूह से कुछ मदद मिली है, जिससे काम चल जाएगा।नेक कमाई समूह के डॉ राजेश भारद्वाज, अभिषेक तनेजासहित काफी लोगों ने सहयोग किया है।