
छोटे करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए सीबीडीटी ने अधिकारियों से कहा है कि 50 लाख रुपए से कम टैक्स वाली 6 साल पुरानी फाइलों को नहीं खोला जाए। मतलब, अब वित्तवर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 के दौरान अगर किसी करदाता का टैक्स 50 लाख से कम है तो उसे फिर से असेसमेंट का नोटिस नहीं भेजा जाएगा। केंद्र सरकार ने बजट 2021-22 में आयकर असेसमेंट को फिर से खोलने के समय को 6 साल से घटाकर 3 साल कर दिया था।इसके बाद भी आयकर विभाग ने 3 साल से ऊपर के टैक्स से जुड़े सभी मामलों में री-असेसमेंट के लिए नोटिस भेज दिया।
सीबीडीटी नेस्पष्ट किया कि 6 साल पुरानी फाइलों को तो नोटिस नहीं भेजा जाएगा, लेकिन 2015-16 और 2016-17 के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा जा सकता है।इसके लिए 30 दिनों के भीतर री-असेसमेंट की प्रक्रिया शुरू कर इसकी जानकारी करदाता को दी जाए। अधिकारी करदाताओं को री-असेसमेंट के लिए दो हफ्तों का समय दें।सीबीडीटी ने इसके साथ ये भी कहा है किअगर करदाता की ओर से कोई समय बढ़ाने का अनुरोध आता है तो समय सीमा बढ़ाई जा सकती है।
सरकार ने बजट में आयकर असेसमेंट को फिर से खोलने के समय को 6 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष कर दिया था।इसके साथ ही रीअसेसमेंट के लिए नोटिस भी भेजे गए थे। इसके बाद इन नोटिसों को कोर्ट में चुनौती दी गई।चुनौती के बाद आयकर विभाग ने सुप्रीमकोर्ट में इन नोटिस को जारी रखने के लिए अपील दायर की। शीर्ष अदालत ने आयकर विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया था।हालांकि अब आयकर विभाग ने छोटे करदाताओं को राहत देने का फैसला किया है।