
पंजाब की आप सरकार ने वीआईपी कल्चर पर एक और वार किया है। सरकार ने राज्य में 424 वीआईपी लोगों की दी रही सुरक्षा व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है। इन 424 वीआईपी लोगों में कई राजनेता, कई धार्मिक नेता, कई सेना और पुलिस से रिटायर अधिकारी भी शामिल हैं। इन लोगों की सुरक्षा में लगाए गए जवानों को स्पेशल डीजीपी स्टेट के पास रिपोर्ट करने को कहा गया है। इससे पहले भी पंजाब सरकार ने पूर्व उप मुख्यमंत्री, सांसद सहित अन्य की सुरक्षा में लगाए गए जवानों को हटा लिया था।
11 मई को भी भगवंत मान सरकार ने आठ नेताओं की वीआईपी सुरक्षा में कटौती के आदेश जारी किए थे। उससे पहले सरकार दो बार वीआईपी की सुरक्षा में कटौती कर चुकी है। इसके तहत अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल, पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ और पूर्व उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी समेत आठ नेताओं की सुरक्षा घटाते हुए 129 पुलिसकर्मियों और 9 पायलट वाहनों को वापस बुला लिया गया था। वीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद सरकार ने सबसे अधिक 28 सुरक्षाकर्मी पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्ठल से वापस ले लिए थे। इसके अलावा उनकी सुरक्षा में तैनात तीन वाहन भी वापस ले लिए गए हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी की सुरक्षा में तैनात 37 गनमैन में से 19 को वापस बुला लिया गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री होने के नाते अब उनकी सुरक्षा में 18 गनमैन तैनात रखे जाएंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री मान ने प्रदेश की सभी जेलों में बनाए गए वीआईपी सेल बंद करने के आदेश जारी किए। एक वीडियो संदेश के जरिये मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जेलों में वीआईपी कल्चर खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल और अन्य अवैध कारोबार पर भी शिकंजा कसने की भी बात कही।