
देश में कैशलेस पेमेंट के बढ़ते चलन के बीच 100 रुपए का नोट अभी भी नकद लेनदेन के लिए सबसे पसंदीदा नोट बना हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (आईबीआई) की रिपोर्ट के अनुसार2 हजार रुपए के नोट को लेनदेन के लिए कम पसंद किया जाता है। वहीं 500 रुपए के नोट का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है।
28 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण, अर्ध-शहरी, शहरी और महानगरीय क्षेत्रों में किए गए इस सर्वे में सामने आया है कि देश में सिर्फ 3 फीसदी लोग ही ऐसे हैं जो नोटों के असली-नकली की पहचान नहीं कर पाते हैं। यानी 97 फीसदी लोगों को महात्मा गांधी की तस्वीर, वॉटरमार्क या सुरक्षा धागे की जानकारी है।
सिक्कों की बात करें तो नगद लेनदेन के लिए 5 रुपए के सिक्के का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। वहीं एक रुपए के सिक्के को उपयोग करना लोग कम पसंद करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 के दौरान कैश की मात्रा में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा 34.9 फीसदी 500 रुपए के नोट की हिस्सेदारी रही।
आईबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में नकली नोटों का प्रचलन भी बहुत बढ़ गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में नकली नोटों की संख्या काफी बढ़ गई है। केंद्रीय बैंक के अनुसार500 रुपये के नकली नोटों में साल 2020-2021 में 101.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि 2000 रुपये के जाली नोट में 54.16 फीसदी का इजाफा हुआ है।