
बढ़ती महंगाई से चिंतित भारतीय रिजर्व बैंक (आईबीआई) ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी काइजाफा किया है। इससे रेपो रेट 4.40 से बढ़कर 4.90 फीसदीहो गई है। अब होम लोन से लेकर ऑटो औऱ पर्सनल लोन सब कुछ महंगा होने वाला है।इसके लिए ज्यादा ईएमआईचुकानी होगी। ब्याज दरों पर फैसले के लिए 6 जून से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग चल रही थी। रिजर्व बैंकगवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्याज दरों पर लिए फैसलों की जानकारी दी।
एक मीडिया हाउस के सर्वे में शामिल 41 में से 17 अर्थशास्त्रियों ने रेपो रेट 0.50 फीसदीबढ़ाकर 4.9 फीसदी किए जाने का अनुमान जताया था। कुछ अर्थशास्त्री मानते हैं कि आरबीआई रेपो रेट को धीरे-धीरे प्री-कोविड लेवल 5.15 फीसदीसे ऊपर ले जाएगा। मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है, लेकिन बीते दिनों रिजर्व बैंकने 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 4 फीसदीसे बढ़ाकर 4.40 फीसदीकर दिया था। 22 मई 2020 के बाद रेपो रेट में ये बदलाव हुआ था। इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग 6-8 अप्रैल को हुई थी।
रिजर्व बैंककी मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की इमरजेंसी मीटिंग ऐसे समय में हुई है जब रूस-यूक्रेन जंग के कारण कच्चे तेल से लेकर मेटल के दामों में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। ऐसे में पूरी दुनिया में महंगाई बड़ी समस्या बनी हुई है। मई में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) आधारित रिटेल महंगाई दर अप्रैल में बढ़कर 7.79 फीसदीहो गई थी। ये महंगाई का 8 साल का पीक था।