राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा से पहले ही भाजपा तो तगड़ा झटका लग गया। कांग्रेस ने भाजपा खेमे में सेंधमारी कर दी। भाजपा विधायक शोभा रानी कुशवाहा, सिद्धी कुमारी औऱ कैलाश मीणा ने क्रॉस वोटिंग कर दी। शोभा रानी ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद तिवारी के पक्ष में वोट डाला। सिद्धि कुमारी भाजपा समर्थित निर्दलीय सुभाष चंद्रा की जगह पार्टी प्रत्याशी घनश्याम तिवारी को वोट दे आई। वहीं, कैलाश मीणा ने अपना वोट एजेंट को दिखा दिया।
मतलब, राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत ने एक बार सियासी जादूगरी दिखा दी। उन्होंने बड़े ही तरीके से कांग्रेस के तीनों प्रत्याशियों मुकुल वासनिक, रणदीप सिंह सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी की जीत पक्की कर दी। तीनों में तिवारी कमजोर कड़ी थे, लेकिन गहलोत ने उन्हें भी राज्यसभा भेजना तय करवा दिया। शोभा रानी के पति बीएल कुशवाह इस वक्त जेल में बंद हैं। भाजपा का कहना है कि शोभा रानी के वोटिंग के दौरान गड़बड़ी हुई है।
भाजपा विधायक सिद्धी कुमारी ने वरीयता के विपरित जाकर तिवाड़ी को वोट दिया। मॉक पोलिंग में भी भाजपा के पांच विधायकों के वोट खारिज हो गए थे। मतदान समाप्त होने के बाद कांग्रेस नेताओं ने नतीजों का इंतजार किए बिना बधाईयों का सिलसिला भी शुरू कर दिया। नतीजे जारी होने से पहले कांग्रेस के विधायक रघु शर्मा ने तीनों कांग्रेस प्रत्याशियों को जीत की बधाई दे दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पेज पर मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी को राज्यसभा सांसद चुनने पर बधाई दी।
राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने तीन सीटों के लिए मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सुरजेवाला को मैदान में उतारा है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को अपना आधिकारिक उम्मीदवार बनाया, जबकि मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा को भाजपा ने बतौर निर्दलीय समर्थन किया। संख्या बल के हिसाब से राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस अपने 108 विधायकों के साथ दो सीटें और भाजपा 71 विधायकों के साथ एक सीट आराम से जीतने की स्थिति में थी।
राजस्थान में राज्यसभा चुनाव की वोटिंग आज 9 बजे शुरू हुई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहला वोट डाला। उनके बाद बसपा से कांग्रेस में आए विधायक व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। नियमानुसार वोटिंग शाम 4 बजे तक चली। कांग्रेस-भाजपा दोनों ने ही विधायकों की बाड़ेबंदी की थी और वोटिंग से पहले विधायकों को लग्जरी बसों से विधानसभा पहुंचाया गया। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सीएम गहलोत के रिलीविंग पोलिंग एजेंट की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
