गहलोत सरकार ने माइनर मिनरल्स के खनन पट्टों और लाइसेंस की अवधि एक तय प्रीमियम चुकाने की शर्त पर 31 मार्च 2025 से बढ़ाकर 31 मार्च 2040 तक कर दी है। अब 15 साल के लिए मौजूदा माइंस के पट्टों का लाइसेंस बढ़ाया जा सकेगा। साथ ही लाइसेंसधारी माइनिंग पट्टे वाली खान के आस-पास की जगह को भी प्रीमियम का पैसा देकर खनन के लिए आवंटित करवा सकेगा। सरकार ने एक संशोधन यह भी किया है कि खान के पट्टों का ट्रांसफर करने पर डेड रेंट या लाइसेंस फीस 10 लाख की बजाय अधिकतम 5 लाख रुपए तक ही चार्ज की जाएगी। नए नियमों में खातेदारी जमीन पर माइनर मिनरल का खनन पट्टा जारी करने की 4 हेक्टेयर की अधिकतम सीमा को भी हटाने का भी बंदोबस्त कर दिया गया है। प्रावधान यह भी किया गया है कि खान का पंजीकरण बिना एनवायर्नमेंट क्लीयरेंस के हो सकेगा, लेकिन खनन कार्य यह क्लीयरेंस मिलने के बाद ही शुरू होगा। पट्टा धारी को माइनर मिनरल्स के पट्टों के लिए हर महीने की बजाय तीन महीने में एक बार ऑनलाइन रिटर्न फाइल करना होगा। सरकार के इस फैसले से माइंस लीजधारियों को बड़ा फायदा होगा। सरकार ने भी लम्बे वक्त तक माइनिंग से रेवेन्यू की व्यवस्था कर ली है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान माइनर मिनरल्स कन्सेशन रूल्स-2017 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार की ओर से कहा गया है कि इन संशोधनों से खनिजों का साइंटिफिक और ईको-फ्रेंडली तरीके से खनन हो सकेगी और प्रदेश की आर्थिक रफ्तार बढेगी। गहलोत ने साल 2022-23 की बजट घोषणा का इम्प्लीमेंटेशन करते हुए संशोधन के अधिसूचना मसौदे को मंजूरी दी है।
साल 2022-23 में माइनर मिनरल ब्लॉकों के लिए 5 हजार हेक्टेयर एरिया का मार्केशन करने के लिए खान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. सुबोध अग्रवाल ने विभाग को निर्देश दिए हैं। डॉ अग्रवाल ने बताया माइनर मिनरल के इस साल के शुरूआती तीन महीने (अप्रैल-जून 2022) में ही 569 हेक्टेयर एरिया के 81 प्लॉट तैयार कर इनकी नीलामी की जरूरी औपचारिकता पूरी की जा रही हैं। इस साल माइनर मिनरल के प्लॉटों की नीलामी का नया रिकॉर्ड बनाया जाएगा। प्रदेश में पिछले वित्त वर्ष में माइनर मिनरल के रिकॉर्ड 1009 हेक्टेयर एरिया के 422 प्लॉटों की नीलामी कर 224 करोड़ 28 लाख रुपए का राजस्व जुटाया गया। इससे पहले 2018-19 में 561 हेक्टेयर एरिया के 359 प्लॉटों की नीलामी कर 126 करोड़ रुपए का राजस्व इकट्ठा किया गया था। लीगल माइनिंग को बढ़ावा देकर ही अवैध माइनिंग पर कारगर तरीके से रोक लग सकती है।
खान विभग ने 639 माइनर मिनरल्स खनन प्लॉट्स की नीलामी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। 19 जिलों में ये माइनिंग प्लॉट्स नीलामी के लिए विकसित किए हैं। इससे स्थानीय लोगों की भागीदारी और रोजगार बढ़ेगा। सूत्रों के अनुसार इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 50 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। नीलामी प्रक्रिया 23 अगस्त तक भारत सरकार के ई-पोर्टल पर चलाई जा रही है। माइनर मिनरल्स में बजरी, ईंटगारा मिट्टी, चिप्स और पाउडर बनाने वाले मिनरल्स, डायराइट, ग्रेनाइट, कंकड़, लाइम स्टोन, मार्बल, मेसेनरी स्टोन, सैंड स्टोन, सर्पेंटाइन और दूसरे डेकोरेटिव पत्थर शामिल होते हैं। भारत सरकार ने 31 इंडस्ट्रियल मिनरल्स डिक्लेयर कर रखे हैं।
