जस्टिस उदय उमेश ललित भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने अपने बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के लिए जस्टिस यूयू ललित के नाम की सिफारिश की है।
जस्टिस यूयू ललित क्रिमिनल लॉ के स्पेशलिस्ट हैं, जिन्होंने जून 1983 से वकालत की शुरुआत की थी। उन्हें 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया था। मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस यूयू ललित का कार्यकाल केवल तीन महीने का ही होगा, क्योंकि वह इसी साल 8 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे।
जस्टिस यूयू ललित कई बड़े व चर्चित मामलों की पैरवी कर चुके हैं। कई बड़े केसों में फैसला भी सुना चुके हैं। जस्टिस यू यू ललित राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद केस की सुनवाई करने वाली बेंच में शामिल थे, लेकिन उन्होंने इस केस से अपने आप को अलग कर लिया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार जस्टिस यूयू ललित 27 अगस्त को देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे, जिनका कार्यकाल मात्र 74 दिन का होगा। वह 8 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश पर से रिटायर हो जाएंगे। वहीं वर्तमान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना 26 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं।
जस्टिस यूयू ललित अपने वकालत कैरियर में अभिनेता सलमान खान की तरफ से काला हिरण शिकार मामले पैरवी कर चुके हैं। इसके अलावा वह भ्रष्टाचार मामले में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति फर्जी एनकाउंटर मामले में देश के वर्तमान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का पक्ष रख चुके हैं। वह पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह की जन्मतिथि से जुडे़ मामले में भी पैरवी कर चुके हैं।
जस्टिस यूयू ललित अपने कार्यकाल में कई बड़े फैसले सुनाने वाली संवैधानिक पीठ का हिस्सा रह चुके हैं, जिसमें तीन तलाक का मामला भी शामिल है। इस मामले में जस्टिस ललित ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया था। इसके साथ ही पद्मनाभस्वामी मंदिर प्रबंधन से जुड़े केस में जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाया था। यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम से जुड़े एक अहम मामले में भी जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ फैसला सुना चुकी है।
