15 अगस्त से पहले जम्मू कश्मीर में उरी जैसे हमले की साजिश आज नाकाम कर दी गई। राजौरी जिले के परगल धरहर में 3 आतंकियों ने सेना कैंप में घुसने की कोशिश की। इन आतंकियों के मंसूबे फिदायीन हमला करने के थे। सेना के जनावों ने इन आतंकियों को मार गिराया है। हमले में सेना के तीन जवान भी शहीद हो गए। इनमें राजस्थान के लाल सूबेदार राजेन्द्र प्रसाद भी शामिल हैं।
राजेंद्र (48) झुंझुनूं स्थित मालीगांव के रहने वाले थे। 16 जुलाई को ही वह छुट्टी काटकर वापस ड्यूटी पर गए थे। नवंबर में होने वाली अपनी बेटी की शादी में आने वाले थे। वह परगल में ही तैनात थे। गुरुवार तड़के तीन आतंकियों ने सेना कैंप में घुसने की कोशिश की। सुरक्षा में मौजूद संतरी ने उन्हें ललकारा तो आतंकियों ने फायर कर दिया। दोनों तरफ से गोली बारी हुई। जवाबी कार्रवाई में तीनों आतंकियों को मार गिराया गया।
डिफेंस पीआरओ देवेंद्र आनंद के अनुसार शहीद होने वालों में झुंझुनूं के मालीगांव निवासी सूबेदार राजेंद्र प्रसाद, तमिलनाडु के मदुरै जिले के थुमाकुंडू के राइफलमैन लक्ष्मणन डी और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित चांदपुर गांव के राइफलमैन मनोज कुमार शामिल हैं।
राजेन्द्र प्रसाद की दो बेटियां और एक बेटा है। उनकी पत्नी तारामणी अपनी दो बेटियों प्रिया, साक्षी तथा बेटे अंशुल भाम्बू के साथ गांव में रहती हैं। शहीद के भतीजे विजेंद्र ने बताया कि राजेन्द्र 16 जुलाई को ही छुट्टी काट कर ड्यूटी पर गए थे। नवम्बर में बेटी की शादी के लिए आने वाले थे। अब उनके शहीद होने की सूचना आई है। राजेन्द्र प्रसाद 21 साल की उम्र में ही 23 फरवरी 1995 को सेना में भर्ती हुए थे। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी परवेज हुसैन ने बताया कि शहीद का पार्थिव शरीर शुक्रवार को झुंझुनूं पहुंचेगा।
