आज जस्टिस उदय उमेश ललित ने देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें इस पद की शपथ दिलाई। उनका कार्यकाल केवल दो महीने दो हफ्ते का होगा। ऐसे में उनके सामने चीफ जस्टिस के रूप में कई बड़ी चुनौतियाँ होंगी। हालांकि, चुनौतियों के साथ ही उनके पास न्यायपालिका में 102 साल की विरासत भी है। आज जब उन्होंने सीजेआई के रूप में शपथ ली तो उनकी 3 पीढ़ियां भी मौजूद रहीं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने ट्विटर हैन्डल पर एक वीडियो शेयर कर जानकारी दी कि देश के नए चीफ जस्टिस ने शपथ ग्रहण कर ली है। उन्होंने लिखा, भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित का शपथ ग्रहण समारोह। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति व कई बड़े दिग्गज मौजूद रहे। राष्ट्रपति की अनुमति के बाद ये समारोह शुरू हुआ और राष्ट्रपति ने ही उन्हें ये शपथ ग्रहण करवाई।
जस्टिस उदय उमेश ललित के दादा, उदय आर. ललित भारत की आजादी से पहले सोलापुर में वकील थे। 90 वर्षीय दादा ने मुंबई में भी एक वकील के रूप में लंबे करियर के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट के जज के रूप में कार्य किया। दादा के साथ आज शपथ ग्रहण में उनके पिता उमेश रंगनाथ ललित भी शामिल हुए। इसके अलावा जस्टिस ललित की पत्नी अमिता ललित और उनके दो बेटे, हर्षद और श्रेयश भी मौजूद रहे। उनकी पत्नी , नोएडा में एक स्कूल चलाती हैं। उनके दोनों बेटों ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, लेकिन बेटे श्रेयश ललित ने बाद में कानून की लाइन में एंट्री ले ली। श्रेयश की पत्नी रवीना भी वकील हैं। हर्षद ललित बतौर रिसर्चर काम करते हैं और अपनी पत्नी राधिका के साथ अमेरिका में रहते हैं।
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन जैसे हाई-प्रोफाइल मामले में जज ललित सीबीआई के पब्लिक प्रोसिक्यूटर के रूप में ट्रायल्स में हिस्सा ले चुके हैं। अब वो केवल 74 दिनों के लिए चीफ जस्टिस बन गए हैं। इस दौरान वो पीठ के मामलों के अलावा, वह देश भर में न्यायाधीशों की नियुक्ति करने वाले कॉलेजियम का भी नेतृत्व करेंगे।
