दिल्ली से अपने गढ में लौटकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार दहाड़ मार रहे हैं। वो कभी, सचिन पायलट तो कभी भाजपा नेताओं पर गुर्रा रहे हैं। कभी समर्थक विधायकों का सुरक्षा कवच बन रहे हैं। इन सबके बीच वो सीएम बने रहने की मंशा बार-बार जता रहे हैं।
राजस्थान में सात दिन पहले गहलोत समर्थक विधायकों ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार सियासी बवाल खड़ा कर दिया था। उस घटना को लेकर गहलोत ने आज इशारों में पर्यवेक्षक बनकर आए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन पर सवाल उठा दिए। गहलोत ने कहा- जब यह था कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष बन जाऊंगा तो नया सीएम आएगा। इससे पूरे 102 विधायक इस कदर भड़क गए कि उन्होंने किसी की नहीं मानी। उन्हें इतना क्या भय था? ऐसा क्यों हुआ, क्या कारण रहे, इस पर तो शोध किया जाना चाहिए।
गहलोत रविवार को सचिवालय में गांधीजी को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। गहलोत ने कहा- कई बार कई कारणों से ऐसे फैसले हो जाते हैं। मुझे नहीं मालूम किन हालात में फैसला हुआ, जब विधायक दल की बैठक बुलाकर एक लाइन का प्रस्ताव पारित करना होता है, तो ही पर्यवेक्षक आते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के प्रतिनिधि रूप में ही पर्यवेक्षक आते हैं और हम उनसे उसी ढंग से बर्ताव करते हैं।
गहलोत ने कहा कि ऑब्जर्वर को भी चाहिए कि वे कांग्रेस अध्यक्ष की सोच, व्यवहार के ढंग से काम करें, ताकि वह गरिमा बना रहे। राजस्थान का केस अलग हो गया। यह तो इतिहास में लिखा जाएगा। गहलोत ने कहा कि उन्हें इतना क्या भय था, कैसे उन्हें मालूम पड़ा, मैं पता नहीं कर पाया, वो कैसे कर पाए। मैं दौरे पर था, तो पता ही नहीं था। ऐसी नौबत क्यों आई, हमारे सब नेताओं को सोचना चाहिए कि क्या हुआ? उन्होंने कहा कि हम सब में कमियां हैं, उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए। हमारे लिए राजस्थान में सरकार बनाना जरूरी है। मैंने अगस्त में ही सोनिया गांधी से कह दिया था कि आप चाहें तो जो सरकार रिपीट कर सके, उसे सीएम बना दीजिए, मैं सीएम पद छोड़ दूंगा।
सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा पर कहा कि मैं तो अपना काम कर रहा हूं, मुख्यमंत्री कौन होगा, कौन नहीं रहेगा इसका फैसला पार्टी आलाकमान को करना है। मैंने तो विधायकों की और अपनी बात पार्टी आलाकमान से कह दी और जो घटनाक्रम हुआ उसके लिए मैंने उनके सामने खेद व्यक्त किया। गहलोत ने साथ ही यह कह दिया– मैं 102 विधायकों का अभिभावक हूं, धोखा देकर नहीं जा सकता, हाईकमान के आदेशों की पालना नहीं करवा पाया इसके लिए मुझे खेद, जिन 102 विधायकों ने सरकार बचाई थी उन्हें धोखा नहीं दे सकता।
