कर्नाटक में हिजाब पर लगे बैन के खिलाफ हरियाणा के कैथल की सिख महिला चरणजीत कौर ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा, जिसमें हिजाब पहनी एक महिला को परेशान किया जा रहा था। हालांकि कोर्ट ने ये कहते हुए चरणजीत की याचिका पर सुनवाई नहीं की कि यह मामला कर्नाटक का है और वह हरियाणा से हैं।
पिछले दिनों कर्नाटक में हिजाब बैन के खिलाफ 23 लोगों ने अलग-अलग याचिकाएं लगाई थीं, जिसमें कैथल हरियाणा की एक सिख महिला चरणजीत कौर ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं की गई। अब चरणजीत कौर द्वारा रिव्यू पिटीशन दायर करने की तैयारी की जा रही है। कैथल के चीका खंड के गांव चाणचक की रहने वाली आशा कार्यकर्ता चरणजीत कौर ने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा। इसमें कुछ लड़के हिजाब पहनी एक महिला को तंग कर रहे थे, तो उनके मन में पीड़ा हुई और उनसे एक महिला के दर्द को नहीं देखा गया। उन्होंने भी हिजाब बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी. उन्होंने कहा कि हमारे आजाद भारत में सबको अपने-अपने तरीके से जीने का, कपड़े पहनने का अधिकार है, जो हमें संविधान से मिला है। उन्होंने कहा कि जैसे हरियाणा में लोग पगड़ी पहनते हैं, महिलाए घूंघट करती हैं, ईसाई महिलाएं स्कार्फ पहनती हैं। वैसे ही मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं., तो उनके लिए हिजाब बैन क्यों कर दिया गया?
सुप्रीम कोर्ट ने चरणजीत कौर से पूछा कि आप तो हरियाणा से हैं और यह मामला कर्नाटक का है, फिर याचिका क्यों? चरणजीत ने जवाब में कहा कि यह मामला कोई मुस्लिम लड़की या कर्नाटक का नहीं है, बल्कि यह देशभर में रहने वाली सभी महिलाओं का मसला है और उसी नाते मैंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी।
