कोरोना को लेकर भारत के लिए अगले 20 से 35 दिन काफी अहम हैं। क्योंकि ऐसा ट्रेंड देखा गया है कि कोरोना चीन, कोरिया, जापान, यूरोप, अमरीका, ब्राजील होते हुए दक्षिण एशिया आता है और इसमें 20 से 35 दिन का समय लगता है। यह ट्रेंड कोरोना की पहली और दूसरी लहर में देखा गया है। इसबार भी चीन में हालात बेकाबू होने के बाद यह वायरस दुनियाभर में कहर बरपाने के अपने सफर की शुरुआत कर चुका है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारत में कोरोना की एंट्री में अभी देर है। कोरोना वायरस को पूरे सफर में 20 से 35 दिन का समय औसतन लग सकता है। ऐसे में जरूरी है कि अगले 20 दिनों में हम पूरी तरह से तैयारी कर लें, जिससे किसी भी तरह की खतरनाक स्थिति से बचा जा सके।
सूत्रों के अनुसार कोरोना को लेकर अचानक जमीनी हालात और तैयारियों को लेकर हरकत के पीछे एक वजह बहुत खास है। जब-जब भारत में कोरोना ने दस्तक दी है और लहर आई है, उसका एक खास ट्रेंड रहा है। कोरोना के सफर में चीन, कोरिया, जापान, यूरोप, अमरीका, ब्राजील औऱ फिर दक्षिण एशिया आता है। इस तरह 20 से 35 दिन में भारत में आ जाता है। इसका असर अब तक नहीं, लेकिन आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। लिहाजा, नए स्ट्रेन या वेरिएंट की पहचान जरूरी है और इसको लेकर टेस्टिंग और जीनोम सिक्वेसिंग को बढ़ाने की जरूरत है। चीन से निकलकर वायरस कितना खतरनाक होगा यह कहना मुश्किल है। संभव है म्यूटेट होकर यह समान्य वायरस हो जाए, लेकिन यह भी संभव है कि म्यूटेट होकर पहले से अधिक खतरनाक हो जाए।
