छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट ने तलाक को लेकर अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पत्नी अगर पुरुषों की तरह पान मसाला, गुटखा और शराब के साथ मांस खाकर पति को तंग करती है, तो यह क्रूरता है। हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डबल बेंच ने इन आधारों पर पति को तलाक मांगने का अधिकारी बताया है।
कोरबा जिले के बांकीमोंगरा के युवक की कटघोरा की एक युवती से हुई थी। शादी के महज सात दिन बाद 26 मई 2015 की सुबह उसकी पत्नी बिस्तर में बेहोश पड़ी थी। पति उसे इलाज कराने के लिए लेकर गया, तो पता चला कि वह शराब पीने के साथ ही नॉनवेज और गुटखा खाने की आदी है। इसे लेकर परिजनों ने उसे समझाया। पर वह नहीं मानी और ससुरालवालों से दुर्व्यवहार भी शुरू कर दिया।
याचिका में बताया गया कि महिला गुटखा खाकर बेडरूम में कहीं भी थूक देती थी और मना करने पर झगड़ा करती थी। महिला ने 30 दिसंबर 2015 को खुद को आग लगाकर आत्महत्या की भी कोशिश की। आगे भी दो बार छत से कूदकर और दो बार कीटनाशक पीकर आत्महत्या की कोशिश की। पत्नी की हरकतों से परेशान होकर पति ने तलाक के लिए कोरबा के परिवार न्यायालय में याचिका दायर की, लेकिन परिवार न्यायालय ने पति की याचिका को यह कहकर निरस्त कर दिया यह उसकी निजता है। इस फैसले के खिलाफ पति ने हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने फैमिली कोर्ट के आदेश को निरस्त कर पति की तलाक की अपील स्वीकार कर लिया और उसे पत्नी द्वारा दी जा रही प्रताड़ना बताया है।
