वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 का पेपर लीक प्रकरण का मुख्य आरोपी भूपेन्द्र सारण को पुलिस महकमे से ही मदद मिलने की बात सामने आई है। वह पुलिस कार्रवाई की सूचना मिलते फरार हो गया। आखिर उसे किसने अभयदान दिया, इसकी पुलिस में काफी चर्चा है।
दो अधिकारियों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में भूपेन्द्र सारण वांछित था और एसओजी उसको जालोर में तलाश रही थी। मगर आरोपी जयपुर में दो जगह रहकर सरेआम फर्जी डिग्री बेचने का काम कर रहा था। साथ में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने की साजिश रच रहा था। सवाल उठ रहे हैं कि एसओजी और जयपुर कमिश्नरेट पुलिस की नजर वांटेड भूपेन्द्र सारण पर क्यों नहीं पड़ी। या फिर राजनीति या रसूखात के चलते उसे नजरअंदाज कर दिया। बताया जा रहा है कि भूपेन्द्र सारण के पकड़े जाने और निष्पक्ष जांच होने पर कांस्टेबल व अध्यापक पेपर लीक मामले में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
जयपुर में अधिगम कोचिंग संचालक सुरेश ढाका को वांटेड भूपेन्द्र सारण ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 पेपर उपलब्ध करवाया। सुरेश ढाका ने जालोर में अपने जीजा सुरेश विश्नोई को वाट्सऐप पर पेपर भेजा, जिसके बाद चलती बस में अभ्यार्थियों को पेपर की नकल करवाई जा रही थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार उदयपुर पुलिस ने पेपर लीक मामले में गोपनीयता बरतते हुए वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 पेपर लीक मामले का खुलासा किया। इसके बाद जयपुर में भूपेन्द्र सारण व सुरेश ढाका को पकडऩा था, लेकिन उदयपुर पुलिस की कार्रवाई की सूचना दोनों आरोपितों तक पहुंच गई और वे घर से भाग गए।
