इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को लिव-इन रिलेशनशिप की वैधता पर मुहर लगा दी। कोर्ट ने कहा कि दो बालिग जोड़ों को अपनी मर्जी से एक साथ रहने का अधिकार है। बिना किसी कानूनी अधिकार के किसी की भी आजादी नहीं छीनी जा सकती। हम उन्हें इस अधिकार से वंचित नहीं रख सकते।
फैसला जौनपुर से जुड़े एक मामले में सुनाया गया है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़े पर हुई एफआईआर को भी रद्द कर दिया। फैसला जस्टिस सुनित कुमार और जस्टिस सैयद वैज मियां की खंडपीठ ने सुनाया। जौनपुर में पिछले दिनों एक लड़की गायब हो गयी थी। लड़की के पिता ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। लड़की एक लड़के साथ लिव-इन में रह रही थी। दोनों ने हलफनामा दिया कि वे दोनों बालिग हैं और एक दूसरे के साथ अपनी मर्जी से रह रहे हैं।
इसी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी दी है। कोर्ट ने दर्ज की गई एफआईार को रद्द कर दिया है।
