राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री तो पिछले बीस दिन से नकल करने वालों को नहीं छोड़ने, उनके मकान तोड़ने और सम्पत्ति सील करने की बड़ी-बड़ी बाते कर रहे हैं। यहां तक बोल रहे हैं कि दोषियों की ऐसी हालत करेंगे कि आने वाली परीक्षाओं में कोई नकल करेगा तो वह याद रखेगा कि उसका क्या हश्र होगा….। जिम्मेवारों के बड़े बोलों के बीच नकल करने वालों में आधे से ज्यादा को जमानत मिल गई। वह भी पकड़े जाने के सिर्फ 22 दिन के भीतर। पकडे गए करीब साठ आरोपियों में से 33 जमानत पर छूट गए हैं।
राजस्थान की सरकारी भर्ती परीक्षाओं में सबसे बड़ा नकल कांड पिछले महीने हुआ, लेकिन इस कांड को करने वाले एक महीने भी जेल में नहीं ठहरे। पुलिस की कमजोर पैरवी के चलते नकल करने वालों में से आधे से ज्यादा को सिर्फ 22 दिन बाद ही जमानत मिल गई। इनमें अधिकतर छात्र हैं जो चलती बस में नकल करने के दौरान पकडे गए थे। उन पर बड़ी धाराओं में केस दर्ज किए गए थे।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले महीने आयोजित सैकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा से सिर्फ आधा घंटे पहले जनरल नॉलेज का पेपर लीक हो गया था। इस पेपर को चलती बस में हल कराया जा रहा था। इसकी सूचना फैली तो आरपीएससी ने पेपर रद्द कर दिया और अब इस पेपर को 29 जनवरी को आयोजित कराया जाना है। इस पेपर को देने के लिए चार लाख छात्र पंजीकृत हैं। परीक्षा में इस झोल के बाद साठ लोग गिरफ्तार किए गए थे।
हालांकि, नकल माफिया और मास्टर माइंड की सम्पत्ति पर बुलडोजर चलाए गए हैं। उनके परिवार के लोगों को पकड़ा गया है। इतना सब होने के बाद भी नकल करने वाले सिर्फ 22 दिन में जेल से छूट गए हैं। सबसे बड़े मास्टरमाइंड भूपेन्द्र सारण और सुरेश ढाका अभी फरार चल रहे हैं। उनकी तलाश जारी है। चर्चा है कि वे देश छोड़ गए हैं और थाईलैंड चले गए हैं।
