दो करोड़ रिश्वत मामले में गिरफ्तार एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को शुक्रवार को जयपुर एसीबी द्वारा अजमेर के कोर्ट में पेश किया गया। जज ने दिव्या मित्तल को 3 फरवरी तक जेल भेजने के आदेश दे दिए। जयपुर एसीबी अब मामले में फरार चल रहे बर्खास्त कॉन्स्टेबल सुमित की तलाश कर रही है। कॉन्स्टेबल की गिरफ्तारी के बाद ही एसीबी को रिश्वत मामले में अहम सुराग हाथ लगेंगे।
जयपुर एसीबी के डिप्टी-एसपी मांगीलाल ने बताया कि आरोपी दिव्या मित्तल को 15 दिन की रिमांड के लिए अजमेर कोर्ट में पेश किया गया था। जज द्वारा 3 फरवरी 2022 तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए हैं। मामले में फरार चल रहे दलाल सुमित की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि तलाशी में दिव्या मित्तल के कुछ इलेक्ट्रिक गैजेट्स मिले हैं, जिसकी एफएसएल से जांच करवाई जाएगी। साथ ही कुछ बैंक खातों का पता चला हैं। अगर उनमें ज्यादा रकम मिलेगी तो उसे सीज किया जाएगा।
इससे पहले एसीबी द्वारा दिव्या और उसकी सरकारी गाड़ी के ड्राइवर बहादुर की निशानदेही पर अजमेर में आनासागर के रामप्रसाद घाट इलाके में झील में तलाशी कराई गई थी। कहा जा रहा है कि दिव्या ने एसीबी मुख्यालय में केस दर्ज होने के 1 दिन पहले ही आनासागर में मोबाइल, बैग और अन्य साक्ष्य फेंके थे। हालांकि 3 घंटे एसडीआरएफ द्वारा झील में तलाश की गई, लेकिन कुछ भी बरामद नहीं हुआ। झील में तलाशी के दौरान कुछ समय के लिए एसीबी द्वारा दिव्या को सर्किट हाउस में ले जाया गया था।
2 करोड़ की रिश्वत मांगने के मामले में जयपुर एसीबी टीम अजमेर में 16 जनवरी को एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को पकड़कर अजमेर से जयपुर लाई थी। इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया। माना जा रहा है कि एसओजी के किसी अधिकारी का रिश्वत में इतनी बड़ी रकम मांगने का यह पहला मामला है। बड़ी अधिकारी को ट्रैप करना भी आसान नहीं था। दिव्या ने मादक पदार्थ तस्करी के मामले में हरिद्वार की फार्मा कंपनी के मालिक को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में बर्खास्त पुलिसकर्मी सुमित कुमार के माध्यम से यह घूस मांगी थी।
