प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ के पहले एपिसोड को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब और ट्वीटर को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। मगर इस डॉक्यूमेंट्री के लिंक को शेयर करते हुए तृणमूल कांग्रेस की नेता व सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, क्षमा करें, सेंसरशिप स्वीकार करने को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए नहीं चुनी गई हूं। उन्होंने कहा कि ये लिंक है, आप इसमें जाकर देख सकते हैं। हालांकि बफर करने में थोड़ा समय लगता है।
महुआ मोइत्रा ने कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री कोई न देख सके। शर्म की बात है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सम्राट और दरबारी इतने असुरक्षित हैं।”
इससे पहले बीबीसी की डॉक्यूमेन्ट्री के मुद्दे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि पीएम और उनके लिए ढोल बजाने वालों का कहना है कि उन पर बीबीसी की नई डॉक्यूमेंट्री निंदनीय है। सेंसरशिप लगा दी गई है। फिर प्रधानमंत्री वाजपेयी 2002 में अपना पद छोड़ना क्यों चाहते थे, केवल आडवाणी द्वारा इस्तीफे की धमकी से दबाव न डालने के लिए? वाजपेयी ने उन्हें अपने राजधर्म की याद क्यों दिलाई?” इसके साथ ही कई अन्य कांग्रेसी नेताओं ने भी इसको लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है।
इधर, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री सीरिज को भारत के अंदर और बाहर पीएम मोदी के खिलाफ एक दुर्भावनापूर्ण अभियान से जुड़ा हुआ करार दिया है। रीजीजू ने कहा कि भारत में अभी भी कुछ लोगों के ऊपर से औपनिवेशिक नशा उतरा नहीं हैं। वे लोग बीबीसी को भारत के सुप्रीम कोर्ट से ऊपर मानते हैं। वे अपने आकाओं को खुश करने के लिए देश की गरिमा और छवि को किसी भी हद तक गिरा देते हैं।
