हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। शेयरों में गिरावट और टॉप-10 अमीरों की सूची से बाहर होने के बाद अडानी को एफपीओ रद्द करना पड़ा। इधर अब आरबीआई ने बैकों से अडानी ग्रुप को दिए कर्ज की जानकारी मांगी है।
अमरीकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से मशहूर बिजनेसमैन गौतम अडानी की स्थिति खराब है। उऩकी कंपनियों के शेयर में काफी गिरावट आई है। जिस कारण अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के नेटवर्थ में भी काफी कमी आई है। रिपोर्ट सामने से पहले गौतम अडानी दुनिया के टॉप-10 अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर थे, लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद उनके सिर से भारत के नंबर-1 अमीर होने का ताज भी छीन चुका है। इस बीच बुधवार रात अडानी ग्रुप ने एक बड़ा फैसला लेते हुए जानकारी दी कि वो अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के लिए जारी 20 हजार करोड़ का फॉल-ऑन पब्लिक ऑफर यानी कि (एफपीओ) को रद्द कर रहे हैं।
27 जनवरी को गौतम अडानी की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने 20 हजार करोड़ का फंड जुटाने के लिए एफपीओ जारी किया था। उसी समय हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी की कंपनियों के शेयर में सुनामी आई, जिससे उनको अरबों का नुकसान हुआ।
इसबीच, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों से अडानी ग्रुप को दिए कर्ज की जानकारी मांगी है। एक न्यूज एजेंसी ने बताया कि आरबीआई के अधिकारियों ने इस पर बोलने करने से इनकार कर दिया। हालांकि, बिना नाम बताए यह जानकारी दी है।
अंबानी इंटरप्राइजेज का 20 हजार करोड़ का एफपीओ रद्द किए जाने के बाद से अंबानी की कंपनियों के शेयर और गिर रहे है। फुली सबस्क्राइब्ड एफपीओ के रद्द होने के बाद ग्रुप के शेयर्स में गुरुवार को 10 फीसदी तक गिरावट देखी गई।
