विपक्ष ने राजस्थान से भाजपा नेता सी.पी. जोशी पर संसद में ‘सती प्रथा’ को महिमामंडित करने का आरोप लगाया। जोशी ने राष्ट्रपति के अधिभाषण पर चर्चा के दौरान सती शब्द का इस्तेमाल किया जिससे सुप्रिया सुले समेत कई महिलाओं सांसदों ने सवाल उठाया कि सती को ग्लोरिफाई किया जा रहा हैं। इस पर फिर विपक्ष का हंगामा हुआ। हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा में विपक्ष के नेताओं ने आज सदन के वेल में विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि भाजपा सदस्य सीपी जोशी ने ‘सती’ प्रथा का महिमामंडन किया। संसद के निचले सदन में हंगामा दोपहर करीब 1:06 बजे शुरू हुआ, जब विपक्षी सांसद ने दावा किया कि भाजपा नेता सी. पी. जोशी ने आपत्तिजनक टिप्पणी की है। सदन की कार्यवाही दोपहर 1:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। जोशी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते उन्होंने मेवाड़ की रानी पद्मावती का संदर्भ दिया था, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी से अपने सम्मान की रक्षा के लिए जौहर कर लिया था।
राकांपा से विपक्षी सदस्य सुप्रिया सुले, द्रमुक की कनिमोझी, दयानिधि मारन, और कांग्रेस से ए राजा, के मुरलीधरन, और इम्तियाज जलील (एआईएमआईएम) ने दावा किया कि जोशी ने ‘सती’ प्रथा का महिमामंडन किया है। हालांकि जोशी ने जोर देकर कहा कि उन्होंने सती प्रथा का कोई संदर्भ नहीं दिया, केवल उल्लेख किया कि पद्मावती ने अपने सम्मान की रक्षा के लिए ‘जौहर’ (आत्मदाह) किया था।
