सुप्रीम कोर्ट में आज पहली बार कार्यवाही का लाइव ट्रांसक्रिप्शन किया गया। मतलब, कार्यवाही के दौरान लोग जज और वकीलों की दलीलों को अपनी भाषा में सुन सके। आज टेस्टिंग के तौर लाइव ट्रांसक्रिप्शन किया गया, जो सफल रहा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के कोर्ट रूम में पहली बार आज सुबह 10.30 बजे प्रयोग के लिए लाइव ट्रांसक्रिप्शन को लॉन्च किया गया। लाइव ट्रांसक्रिप्शन के जरिए लोग जज के फैसले, टिप्पणी और सुझाव के साथ-साथ दोनों ओर के वकील की दलीलों को लाइव अपनी भाषा में सुन सकेंगे। इससे कोर्ट में भाषा की दीवार खत्म होगी। कोर्ट में होने वाली सुनवाई के लाइव ट्रांसक्रिप्शन के लिए पहली बार नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा।
मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव ट्रांसक्रिप्शन के लिए वकीलों की तरफ कोर्ट रूम-एक में डिस्प्ले बोर्ड लगाई गई है, जिस पर कोर्ट की कार्यवाही का लाइव ट्रांसक्रिप्शन दिखाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट अपनी वेबसाइट पर मौखिक बहस की ट्रांसक्रिप्शन को भी उपलब्ध कराएगा। ट्रांसक्रिप्शन सर्विस को टेरेस द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है।
सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने पूर्व में जरूरी मुकदमों की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए याचिका दायर की थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि आर्काइव के लिए सुनवाई की ऑडियो ट्रांसक्रिप्ट की अनुमति होनी चाहिए। इसी साल जनवरी में जस्टिस चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली एक बेंच ने इन सुझावों को ऑन रिकॉर्ड लिया, जिसके बाद आज पहली बार सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ की कार्यवाही की लाइव ट्रांसक्रिप्शन की गई।
