राजस्थान में एक के बाद एक सरकारी भर्तियों के पेपर लीक होने से चौतरफा हो रही किरकिरी के बीच राज्य की कांग्रेस सरकार ने नया दांव चला है। सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया क्लिपिंग का सहारा लेकर दावा किया है कि भाजपा शासित राज्यों में ज्यादा पेपर लीक हुए हैं। उन्होंने अपने विरोधियों पर हमलावर हुए पेपर लीक प्रकरणों में उपनी सरकार की सख्ती और भाजपा शासित प्रदेशों में पेपर लीक प्रकरणों को उठाया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने आज अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर प्रमुख नेशनल न्यूज़ चैनल्स की खबरों की क्लिपिंग्स के साथ एक पोस्ट शेयर किया है। इस वीडियो पोस्ट में न्यूज़ चैनल्स की खबरों की क्लिपिंग्स शामिल की गई हैं। इसके साथ मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, किसी भी परीक्षा के पेपर लीक न हों, इसके लिए राजस्थान सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। भाजपा को ये मानना होगा कि उनके शासित राज्यों में पेपर लीक के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा शेयर किए गए वीडियो में जिन भाजपा शासित राज्यों में पेपर लीक प्रकरणों का ज़िक्र हुआ है उनमें गुजरात क्लर्क परीक्षा पेपर लीक, उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा और 12वीं बोर्ड पेपर लीक, हरियाणा में 10वीं बोर्ड परीक्षा तथा टीजीटी परीक्षा पेपर लीक और असम में 10वीं बोर्ड परीक्षा पेपर लीक आदि प्रकरणों का हवाला दिया गया है। इसके अलावा उत्तराखंड में पेपर लीक प्रकरणों को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शनों का भी ज़िक्र है।
राजस्थान में लगातार सरकारी भर्तियों में पेपर लीक प्रकरणों को विरोधी दलों ने मुद्दा बनाया हुआ है। प्रमुख विरोधी दल भाजपा समेत अन्य दलों ने भी सड़क से लेकर सदन तक इस मुद्दे को पुरज़ोर तरीके से उठाते हुए गहलोत सरकार को घेरने की कोशिश की है। राजस्थान में सिलसिलेवार हुए पेपर लीक मामलों से जुड़ा मुद्दा संसद तक में उठ चुका है। विरोधी दल इन प्रकरणों की सीबीआई जांच की मांग उठा रहे हैं।
