टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट सरिस्का में अब 28 बाघ-बाघिन हैं। 9 मार्च को रणथम्भौर से लेकर आए बाघिन को बुधवार देर शाम खुले जंगल में छोड़ दिया गया। उसे करीब 13 दिन तक एन्क्लॉजर में रखा गया। बाघिन पूरी तरह से सामान्य है। अब सरिस्का में 14 बाघिन, 8 बाघ और 6 शावक हो गए हैं। इस नई बाघिन को एसटी-30 नाम दिया गया है।
वन अधिकारी डीपी जागावत ने बताया कि सरिस्का के जंगल में 9 मार्च की रात को बाघिन को एन्क्लॉजर में छोड़ा गया, जिसे रणथम्भौर से सरिस्का लेकर आया गया था। एन्क्लॉजर में बाघिन की मॉनिटरिंग की गई। उसका व्यवहार व मूवमेंट सामान्य दिखा। एनक्लॉजर से छोड़े जाने के बाद भी टाइगर सामान्य विचरण कर रही है। गुरुवार सुबह भी वन विभाग की टीम ने मॉनिटरिंग कर यह पता लगाया है।
डीएफओ ने बताया कि बाघिन की मॉनिटरिंग आगे भी जारी रहेगी, जिसके लिए टीम गठित की गई। उसको टहला रेंज के भगानी के जंगलों में एन्क्लॉजर में रखा गया था। अब उसे वहीं से बाहर खुले में छोड़ दिया गया है।
डीएफओ ने बताया कि सरिस्का में रणथम्भौर से एक और बाघिन लाई जाएगी। अभीतक एक टाइगर व एक बाघिन आ चुके हैं। तीसरी बाघिन को लाने की तैयारियां शुरू हो गई। सरिस्का के जंगल में टाइगर का कुनबा बढ़ाने के प्रयास जारी है। अब सरिस्का में 28 टाइगर हो चुके हैं।
