मिट्टी के बर्तन बड़े फायदेमंद होते हैं। आज कल हम खाना पकाने के लिए स्टील और एल्युमिनियम के बर्तनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये धातुएं इंसानी शरीर के लिए खतरनाक होती है। वहीं, मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से शरीर को कई फायदे मिल सकते हैं। क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार का कोई हानिकारक केमिकल नहीं मिला होता। मिट्टी के बर्तनों में बना खाना स्वादिष्ट भी होता है।
एक समय था जब मिट्टी के बर्तनों का उपयोग खाना बनाने से लेकर घर के हर काम के लिए होता था। लेकिन अब मिट्टी के बर्तनों के तौर पर सिर्फ घड़े का इस्तेमाल होता है। जबकि मिट्टी के बर्तन में खाना पकाना सेहत के लिए कई गुना फायदेमंद है। इसमें खाना पकाने से नेचुरल स्वाद बढ़ जाता है। मिट्टी में नेचुरल एल्कलाइन मौजूद होता है, जो खाना पकाते वक्त उसमें घुल जाता है। इसके चलते खाने का स्वाद और भी बढ़ जाता है। मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से इसमें मौजूद आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं। ये खनिज शरीर के लिए जरूरी होते हैं।
मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने का एक फायद ये है कि ये आपके शरीर का पीएच लेवल (अम्लीय क्षमता स्तर) को बनाए रख सकता है। दरअसल मिट्टी में मौजूद एल्कलाइन खाने में शामिल एसिड के साथ रिएक्ट करता है और इस वजह से आपके शरीर का पीएच स्टेबल रहता है। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से पहले उसे कुछ घंटों के लिए पानी में भिगोकर रख दें। इससे मिट्टी में नमी बनी रहेगी और खाना बनाने में आसानी होगी।
स्टील और एल्युमिनियम के बर्तनों को तोज आंच में रखकर खाना बनाया जाता है, लेकिन मिट्टी के बर्तन को हमेशा धीमी आंच पर रखकर खाना बनाना चाहिए। धीमी आंच पर खाना पूरा पक जाने वह बहुत स्वादिष्ट लगने लगता है।
