संजीवनी घोटाले के मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को आज राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने शेखावत की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है। जस्टिस कुलदीप माथुर ने राजस्थान पुलिस और एसओजी को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत को गिरफ्तार नहीं करने के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ में गुरुवार को सुनवाई के दौरान मंत्री शेखावत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी और अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह दासपा ने पक्ष रखा। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और एएजी अधिवक्ता अनिल जोशी ने पैरवी की।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस कुलदीप माथुर ने कहा एफआईआर में मंत्री शेखावत का नहीं नाम है, इसलिए गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाती है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि तीन हफ्ते में जांच पूरी करे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो संजीवनी घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी।
बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी से जुड़े कथित 900 करोड़ के घोटाले में आरोप लगने के बाद मंत्री शेखावत ने राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया था। अपनी याचिका में उन्होंने एसओजी में दर्ज एफआईआर को चुनौती देने के साथ ही एफआईआर निरस्त करने और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी।
