राजस्थान में आयकर विभाग के सर्च अभियान में कागजों में राजनीतिक पार्टी चलाने वालों की एक लम्बी सूची सामने आई है। ये दल आयकर की श्रेणी में आने वाली फर्मों और व्यक्तियों से एक नंबर में पैसा जमा कर, उन्हें दो नंबर में पैसा लौटा रही है। आयकर विभाग ने असेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए ऐसे धंधे में लिप्त आयकरदाताओं और राजनीतिक पार्टियों को करीब तीन हजार नोटिस जारी किए हैं।
प्रदेश के जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर, भरतपुर, दौसा, अलवर तथा टोंक में ऐसे लोगों को आयकर की धारा 148 के तहत नोटिस थमाए गए हैं। अकेले जयपुर में एक हजार से अधिक नोटिस दिए गए हैं। प्रदेश में जनतावादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी सेक्यूलर, लोक कल्याण पार्टी, युवाजन जागृति पार्टी, भारतीय किसान परिवर्तन पार्टी, राष्ट्रीय कौमी एकता पार्टी जैसी कुल 23 पार्टियां शैल कंपनियों की तरह काम कर रही हैं।
पिछले साल आयकर विभाग ने कुल 23 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, 35 फर्जी मध्यस्थ संस्थाएं और 3 प्रमुख निकाय प्रदाताओं के यहां तलाशी अभियान चलाया था। मुख्य रूप से यह अभियान अहमदाबाद में चलाया गया था। तलाशी के दौरान फर्जी चंदा रसीदों से संबंधित बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज मिले। आईटी की इस कार्रवाई से राजस्थान के सैंकड़ों आयकरदाताओं पर भी आंच पहुंची है।
आयकर विभाग की जांच में सामने आया है कि ये कागजी राजनीतिक दल चेक, आरटीजीएस, एनआईएफटी के माध्यम से चंदे की राशि को जमा करते हैं। फिर पांच से दस प्रतिशत की राशि कमीशन के रूप में काटकर बाकी रकम नकद वापस चंदा देने वालों को लौटा दी जाती है। इन दलों ने स्वीकार कर लिया है कि वे कमीशन काटकर चंदा देने वालों को नकद राशि लौटा देते थे। इसके बाद आयकर विभाग ने चंदा देने वालों को नोटिस देना शुरू किया।
