एसओजी आज शिक्षक भर्ती परीक्षा में जीके का पेपर लीक करने के मामले में कड़ी के कड़ी जोडते हुए आखिर राजस्थान लोक सेवा आयोग तक पहुंच ही गई। अजमेर स्थित आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा, उनके भांजे विजय सिंह कटारा और आयोग के एक अधिकारी की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर गोपाल सिंह को हिरासत में ले लिया गया। पेपर लीक होने के बाद तक आरपीएएसी के पदाधिकारी दावा करते रहे कि पेपर लीक में उनके कोई कार्मिक शामिल हो ही नहीं सकते…. लेकिन ये दावा अब एसओजी की जांच में खारिज हो चुका है। कटारा की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि युवाओं के हितों से खिलवाड़ करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी।
आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा और ड्राइवर गोपाल सिंह को एसओजी ने अजमेर से गिरफ्तार किया है, जबकि विजय कटारा को डूंगरपुर से गिरफ्तार किया गया है। इन तीनों आरोपियों से एसओजी पूछताछ कर रही है। पिछले साल नवम्बर में सरकार ने वरिष्ठ अध्यापक शिक्षक भर्ती परीक्षाओं का आयोजन कराया था। चार से पांच दिनों तक करीब 18 लाख अभ्यर्थियों ने ये परीक्षा दी थी। जीके का पेपर परीक्षा से ठीक पहले लीक हो गया था। उदयपुर जिले में एक चलती बस में इस पेपर को लीक कराया जा रहा था। जांच पड़ताल शुरु हुई। पुलिस ने करीब साठ लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें भूपेन्द्र सारण, सुरेश ढाका का नाम मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आया। पता चला कि इन दोनो ने लाखों में पेपर लेकर उसे करोड़ों में बेच दिया। बाद में सारण को बैंगलोर से गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ में शेरसिंह का पता चला तो उसे उड़ीसा से गिरफ्तार किया गया। शेरसिंह से किसी अरुण शर्मा के बारे में पता चला तो उसे भी उठाया गया। कड़ी से कड़ी जोडते हुए आखिर एसओजी अजमेर तक पहुंच ही गई। पता चला है कि आरपीएससी सदस्य बाबूलाल, उनके भांजे और चालक का पेपरलीक में अहम रोल है।
