नागरिकों को इलेक्टोरल बॉड के धनस्रोत के बारे में जानने का कोई अधिकार नहीं है। ये बात केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कही है। अटॉर्नी जनरल आर. वैंकटरमानी ने कोर्ट को भेज अपने मत में कहा कि संविधान ने नागरिकों को इन बॉड का स्रोत जानने का बुनियादी अधिकार नहीं दे रखा है। सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक दलों को चुनावी बॉड के जरिये धन जुटाने के खिलाफ दायर चुनौती याचिका पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट की संविधाान पीठ 31 अक्टूबर को सुनवाई करने वाली है। उससे पहले भेजे केन्द्र के जवाब में अटॉर्नी जनरल ने शीर्ष कोर्ट को चुनावी बॉंड की नियमन नीति खंगालने से भी मना किया है।
जनता को चुनावी बॉड का स्रोत जानने का हक नहीं
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