भारतीय कुश्ती संघ (डब्लूएफआई) और पहलवानों के बीच जारी विवाद का असर यूपी के गोंडा में होने वाली नेशनल चैंपियनशिप पर पड़ा है। चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गए दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कई खिलाड़ी लौट रहे हैं। दिल्ली के रेसलर प्रदीप मीणा भी लौटने वालों में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 200 से ज्यादा रेसलर लौट चुके हैं। इन लोगों ने चैंपियनशिप में खेलने से इनकार कर दिया है।
इधर, युवा कार्य और खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को नोटिस देकर 72 घंटे में जवाब मांगा था, जिसकी मियाद खत्म होने वाली है। सूत्रों के अनुसार जल्द ही फेडरेशन अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप सकता है। सूत्रों ने बताया कि पहलवान भले ही यौन उत्पीड़न के मामले में सबूत का दावा कर रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ दिया नहीं है।
इंडियन ओलिंपिक संघ (आईओए) के पास नेशनल फेडरेशन को भंग करने का अधिकार है। 2008 और 2009 में ऐसा किया जा चुका है। ओलंपिक संघ ने 2008 में हॉकी फेडरेशन को भंग कर दिया था। उस समय फेडरेशन के सेक्रेटरी के ज्योति कुमारन पर एक स्टिंग ऑपरेशन में खिलाड़ी से पैसे लेने का मामला सामने आया था। वैसे, खेल मंत्रालय की ओर से कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर कार्रवाई की संभावना कम हैं। सूत्रों ने बताया- कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह खुद इस्तीफा दें तो ठीक, वर्ना मंत्रालय उन्हें हटा नहीं सकता। बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल मार्च तक खत्म हो रहा है। कुश्ती संघ के नियमों के अनुसार वे अब आगे चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

