आज खेल हार गया, लेकिन बाजार (sport-bazar)
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मगर इस चकाचौंध में टीम इंडिया के खिलाड़ी अपनी लय खो बैठे। पूरे फाइनल मैच में टीम अपने रंग में नहीं। उनमें वो जोश औऱ आक्रामकता काफूर हो गई। भारतीय बैटर पूरी पारी में धीमा खेले। यू भी कह सकते हैं कि डिफेंसिव खेले। एक भी भारतीय बैटर ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ट्रविस हेड जैसी एकाग्रता औऱ धैर्य नहीं दिखाया। यही हाल गेदबाजों का हुआ। मेहमान टीम के 47 पर 3 विकेट झटकने के बावजूद वे मैच पर पकड़ नहीं बना पाए। हेड औऱ लेबूशेन के क्रीज पर टिकने के बाद तो मानो भारतीय खिलाड़ी घबरा गए। उनका मनोबल ही धाराशायी हो गया। कंगारुओं की रणनीति पूरी तरह से कारगर साबित हुई। उन्होंने अपने अनुभवी प्रदर्शन से टीम इंडिया के हौसले को पस्त कर दिया।