वन-डे विश्व कप-23 (ODI World Cup-23) फाइनल में आज ऑस्ट्रेलिया ने दिखा दिया कि बड़े मौके पर चैम्पियन की तरह कैसे खेला जाता है। हारना तो है ही नहीं। अहमदाबाद में रविवार को खेला गया फाइनल मुकाबला 2003 के खिताबी मैच का दोहराव दिखा। तब द.अफ्रीका में हुए विश्व कप का फाइनल मैच भी भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच ही हुआ था, जिसे कंगारुओं ने ऐसा ही एकतरफा बनाया था, जैसा आज देखने को मिला। उस फाइनल में भारत 130 रनों से हारा औऱ आज के फाइनल में मेजबान टीम ने सात विकटों से मात खाई।
विस्तार से….
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिन्स ने आज टॉस जीतकर पहले फील्डिंग की। उनका यह फैसला सही साबित हुआ। बेहतरीन गेंदबाजी के सामने भारत के किसी भी बैटर को खुलकर खेलने का मौका ही नहीं मिला। टीम 240 रन पर सिमट गई। इस लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया ने केवल चार विकेट खोकर औऱ 45 गेंद शेष रहते हासिल कर लिया। विजेता टीम ने भारत को उसके घर में लाखों फेंस के सामने घूल चटाई। मेजबान टीम के न तो मोहम्मद शमी ना ही बुमराह, सिराज, जडेजा, कुलदीप जलवा बिखेर पाए। इन धुरंधर गेंदबाजों को पानी पिलाते हुए ट्रेविस हेड (137 रन) ने शानदार शतक ठोककर अपनी टीम की जीत सुनिश्चित की।
भारत की ओर से केएल राहुल ने 107 गेंदों पर 66 और विराट कोहली ने 63 गेंदों पर 54 रनों की धीमी पारी खेली। कप्तान रोहित शर्मा ने 31 गेंदों पर 47 रन बनाए, जबकि सूर्यकुमार यादव 28 गेंदों पर 18 रन ही बना सके। ऑस्ट्रेलियाई के लिए मिचेल स्टार्क ने 3 विकेट लिए, जबकि पैट कमिंस और जोश हेजलवुड ने 2-2 सफलता हासिल की। 241 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 4 विकेट गंवाकर मैच और खिताब अपने नाम कर लिया। हेड की शतकीय पारी के अलावा मार्नस लाबुशेन ने नाबाद 58 रन बनाए। भारतीय गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह ने 2 और मोहम्मद शमी के साथ मोहम्मद सिराज ने 1-1 विकेट लिया। इस तरह रोहित शर्मा इस बार कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी का इतिहास दोहराने से चूक गए। कपिल देव ने 1983 और धोनी ने 2011 में भारत को चैम्पियन बनाया था. जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने छठी बार खिताब जीता है।