Saturday, December 2, 2023
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खोजा गणित का महासूत्र

उत्तर प्रदेश में मैनपुरी जिले के रत्नेश कुमार ने गणित पर विभाज्यता के एक ऐसे महासूत्र (maths mahasutra) की खोज की है, जिससे मिनटों में ही किसी भी संख्या के लिए विभाज्यता का नियम बनाया जा सकता है। छात्रों को हजारों लाखों सूत्र याद रखने की जरूरत नही पड़ेगी। विभाज्यता का महासूत्र एवम दशक नियम पर रत्नेश ने हिंदी और अंग्रेजी में एक किताब भी लिखी है, जिसे भारत सरकार की ओर से कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिया गया है जो 177  देशों में मान्य है।

विस्तार से…

रत्नेश ने इंजीनियरिंग, एमबीए व बीएड करने के बाद मैनपुरी जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय, जगतपुर में गणित शिक्षक के तौर पर नौकरी शुरू की थी। उनकी गणित और रीजनिंग के प्रश्नों को सॉल्व करने में दिलचस्पी रही। रत्नेश के महासूत्र की विशेषता यह है कि इससे हर प्राकृतिक संख्या के विभाज्यता का नियम क्षणभर में बनाया जा सकता है। इससे विद्यार्थियों को अलग अलग परंपरागत सूत्रों को याद नही करना पड़ेगा। विभाज्यता के इस महासूत्र से तुरन्त मालूम किया जा सकता है कि कोई संख्या किसी विशेष संख्या से विभाज्य हो सकती है अथवा नहीं।

महासूत्र को समझने के बाद विद्यार्थी 1 से लेकर कितनी ही बड़ी संख्या के नियम खुद बना सकते हैं। इस महासूत्र से समय की बचत भी होती है और सरल होने के कारण इसको समझना और समझाना दोनों ही आसान है। महासूत्र की खोज के लिए रत्नेश को कई जगह सम्मानित और विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा गया है।

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