भारतीय कला रूप (Indian Art Form – UPSC Preparation in Hindi)
यूपीएससी की तैयारी के लिए भारतीय कला रूपों सहित विभिन्न विषयों की व्यापक समझ की आवश्यकता होती है। हालाँकि प्रत्येक भारतीय कला रूप पर विस्तृत जानकारी और संबंधित विवरण व्यापक हो सकते हैं, मैं आपको मुख्य जानकारी के साथ कुछ प्रमुख भारतीय कला रूपों की एक विस्तृत सूची दे सकता हूँ। कृपया ध्यान दें कि यह एक विस्तृत सूची नहीं है, और आपको पूरी तरह से समझने के लिए प्रत्येक कला रूप में गहराई से उतरना चाहिए।
Exam preparation in Hindi | UPSC Preparation in Hindi
- Indian Art Form 1 – Madhubani Painting (मधुबनी पेंटिंग):
- Origin (उत्पत्ति): बिहार के मिथिला क्षेत्र
- Key Features (मुख्य विशेषताएँ): जटिल और रंगीन डिज़ाइन, सामान्यत: दीवारों, फर्शों, और कैनवास पर किया जाता है। थीम्स में पौराणिक कथाएं, हिन्दू देवी-देवताएं और राजदरबारी स्थितियां शामिल हैं।
- Recognition (पहचान): भारत सरकार द्वारा भू-स्थानीय सूची (GI) की स्थिति प्रदान की गई है।
2. Indian Art Form 2 – Tanjore Painting (तंजावुर पेंटिंग):
- Origin (उत्पत्ति): तामिलनाडु के तंजावुर में 16वीं सदी
- Key Features (मुख्य विशेषताएँ): जीवंत रंग और जटिल डिज़ाइन के लिए जाना जाता है। मुख्य विषय में हिन्दू देवी-देवताएं और संत शामिल हैं।
- Recognition (पहचान): भारत सरकार द्वारा भू-स्थानीय सूची (GI) की स्थिति प्रदान की गई है।
3. Indian Art Form 3 – Warli Art (वारली आर्ट):
- Origin (उत्पत्ति): भारत के पश्चिमी घाटों में (वारली जनजाति द्वारा)
- Key Features (मुख्य विशेषताएँ): वृत्त, त्रिकोण, और वर्गों का उपयोग करके दैहिक जीवन की गतिविधियों को दर्शाने के लिए।
- Associated Person (संबंधित व्यक्ति): जीव्या सोमा माशे एक प्रमुख वारली कलाकार थे, जिन्होंने इस पारंपरिक आर्ट को पहचान मिलने में योगदान किया।
- Recognition (पहचान): भारत सरकार द्वारा भू-स्थानीय सूची (GI) की स्थिति प्रदान की गई है।
4. Indian Art Form 4 – Pattachitra Painting (पटचित्र पेंटिंग):
- Origin (उत्पत्ति): ओडिशा
- Key Features (मुख्य विशेषताएँ): जटिल डिज़ाइन और रंगीन रंगों के लिए जाना जाता है। थीम्स में पौराणिक कथाएं, हिन्दू देवी-देवताएं और राजदरबारी स्थितियां शामिल हैं।
- Associated Person (संबंधित व्यक्ति): रघुराजपुर के गुरु केलुचरण महापात्र जैसे उल्लेखनीय कलाकारों ने पट्टचित्रा को लोकप्रिय बनाने में योगदान दिया है।
- Recognition (पहचान): भारत सरकार द्वारा भू-स्थानीय सूची (GI) की स्थिति प्रदान की गई है।
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5. Indian Art Form 5 – Kalamkari Painting (कलमकारी पेंटिंग):
- Origin (उत्पत्ति): आंध्र प्रदेश
- Key Features (मुख्य विशेषताएँ): जटिल डिज़ाइन और रंगीन रंगों के लिए पहचाना जाता है। थीम्स में पौराणिक कथाएं, हिन्दू देवी-देवताएं और राजदरबारी स्थितियां शामिल हैं।
- Associated Person (संबंधित व्यक्ति): एस. नंदगोपाल और सी. राघवाचारी जैसे पारंपरिक कलमकारी कलाकारों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- Recognition (पहचान): भारत सरकार द्वारा भू-स्थानीय सूची (GI) की स्थिति प्रदान की गई है।
6. Indian Art Form 6 – Rajasthani Miniature Painting (राजस्थानी मिनीचर पेंटिंग):
- Origin (उत्पत्ति): राजस्थान
- Key Features (मुख्य विशेषताएँ): जटिल डिज़ाइन और रंगीन रंगों के लिए पहचाना जाता है। थीम्स में पौराणिक कथाएं, हिन्दू देवी-देवताएं और राजदरबारी स्थितियां शामिल हैं।
- Associated Person (संबंधित व्यक्ति): निहाल चंद और साहिबदीन जैसे कलाकारों ने राजस्थानी लघु चित्रकला के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- Recognition (पहचान): भारत सरकार द्वारा भू-स्थानीय सूची (GI) की स्थिति प्रदान की गई है।
7. Indian Art Form 7 – Cheriyal Scroll Painting (चेरियल स्क्रॉल पेंटिंग):
- Origin (उत्पत्ति): तेलंगाना
- Key Features (मुख्य विशेषताएँ): चेरियल स्क्रॉल पेंटिंग, तेलंगाना की एक पारंपरिक आर्ट फॉर्म है, जिसमें किस्से पौराणिक और दैहिक जीवन से संबंधित जटिल स्क्रॉल पेंटिंग्स होती हैं। जटिल डिज़ाइन और रंगीन रंगों के लिए पहचाना जाता है। थीम्स में पौराणिक कथाएं, हिन्दू देवी-देवताएं और राजदरबारी स्थितियां शामिल हैं।
- Recognition (पहचान): भारत सरकार द्वारा भू-स्थानीय सूची (GI) की स्थिति प्रदान की गई है।
8. Indian Art Form 8 – Kalighat Painting (कालीघाट पेंटिंग):
- Origin (उत्पत्ति): कोलकाता, पश्चिम बंगाल
- Key Features (मुख्य विशेषताएँ): बृहत्त और विविध दृश्यों के लिए जाना जाता है, दैहिक जीवन, पौराणिक कथाएं, और सामाजिक मुद्दे।
- Associated Person (संबंधित व्यक्ति): राजेन्द्रलाल गोस्वामी (प्रमुख कलाकार) कालीघाट पेंटिंग का निर्माण पटुआ समुदाय द्वारा किया गया था।
- Recognition (पहचान): भारत सरकार द्वारा कोई विशेष पहचान नहीं मिली है, लेकिन यह बंगाल की सांस्कृतिक और कला विरासत का हिस्सा है।