चित्तौड़ की मशहूर ‘मरके’ की मिठाई करीब सौ साल से लोगों को लाजवाब स्वाद से दीवाना बनाए हुए है। दीपोत्सव के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए हर घर में मरके की मांग होती है। यहां आने वाले पर्यटकों के साथ इसका स्वाद मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र तक पहुंच गया है। मरके का दीपावली पर धार्मिक दृष्टि से खासा महत्व है। त्योहार पर मां लक्ष्मी की पूजा चावल से की जाती है। यह मिठाई पूरी तरह से चावल से बनी होती है, लिहाजा चित्तौड़ में इस मिठाई से ही मां लक्ष्मी की पूजा होती है। मरके बनाने में केवल चावल और घी का इस्तेमाल होता है।