प्रदूषित हवा में सांस लेने से टाइप2 मधुमेह की आशंका बढ़ रही है। देश में हाल के एक अध्ययन में यह सामने आया है। राजधानी दिल्ली सहित भारत के कई शहर प्रदूषण की चपेट में हैं और हर दिन एक्यूआइ बिगड़ रहा है। दिल्ली और चेन्नई में सात वर्ष से किए जा रहे अध्ययन में हवा में पीएम 2.5 कणों के उच्च स्तर (बालों से भी 30 गुणा ज्यादा बारीक) और ब्लड शुगर के बीच संबंध का पता चला। मतलब, वायु प्रदूषण टाइप-2 मधुमेह को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाता है। अध्ययन के अनुसार प्रदूषण के सूक्ष्म कण रक्त में घुलकर श्वास और हृदय रोगों का जोखिम बढ़ाते हैं।