केंद्र सरकार के अधिकारियों को अब 1.3 लाख रुपये तक की कीमत के मोबाइल, लैपटॉप व अन्य उपकरण दिए जाएंगे। चार साल बाद इन उपकरणों को वो निजी इस्तेमाल के लिए अपने पास भी रख सकेंगे। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने इस संबंध में एक कार्यालय विज्ञप्ति के जरिये दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार योग्य अफसर अपने आधिकारिक कामकाज के लिए 1.3 लाख रुपये मूल्य के मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट, नोटबुक, अल्ट्रा-बुक, नेट-बुक या अन्य उपकरण ले सकते हैं।
दिशानिर्देशों के अनुसार केंद्र सरकार के उप-सचिव और इससे ऊपर के अधिकारी ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के पात्र होंगे। अनुभाग अधिकारियों और अंडर सेक्रेटरी के मामले में स्वीकृत क्षमता के 50 प्रतिशत अधिकारियों को ऐसे उपकरण जारी किए जा सकते हैं। उपकरण की कीमत के बारे में कार्यालय विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह एक लाख रुपये तक के हो सकते हैं। हालांकि, ऐसे उपकरण जिनमें 40 प्रतिशत से अधिक मेक-इन-इंडिया कलपुर्जों का इस्तेमाल हुआ है, उनके मामले में यह सीमा 1.30 लाख रुपये और कर होगी।
विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि यदि किसी मंत्रालय/विभाग में अधिकारी को पहले से ही एक उपकरण आवंटित है, तो उसे चार साल तक नया उपकरण जारी नहीं किया जा सकता। हालांकि, उपकरण के किफायती रूप से मरम्मत के योग्य नहीं रहने पर ‘अपवाद’ होगा। इसमें कहा गया है कि अधिकारी चार साल के बाद इस उपकरण को अपने पास रख सकता है।
कार्यालय विज्ञप्ति में स्पष्ट किया गया है कि संबंधित मंत्रालय/विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि उपकरण को अधिकारी को रखने के लिए सौंपने से पहले इसमें से पूरा डेटा साफ कर दिया गया है। 21 जुलाई, 2023 की यह विज्ञप्ति 27 मार्च, 2020 को जारी आदेश का स्थान लेगी। उस आदेश में ऐसे उपकरणों की कीमत 80,000 रुपये तय की गई थी और व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपकरणों को रखने का कोई प्रावधान नहीं था।

