राजस्थान सरकार ने डायबिटीज के मरीजों को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इंसुलिन पंप को चिरंजीवी योजना में फ्री लगाने की घोषणा की है। ये पंप बाजार में 2.5 लाख से 8 लाख रुपए तक आते हैं।
जयपुर के एसएमएस अस्पताल में एंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संजय सारण ने बताया कि टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित मरीज को रोज 2 से लेकर 4 बार इंसुलिन के इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं। रोज 1 नया मरीज डायबिटीज का फेस कर रहे हैं। इसमें ज्यादातर युवा है। इनके अलावा 3 से 6 साल और कुछ 35 साल या उससे ज्यादा आयुग्रुप के हैं।
डायबिटीज के मरीज टाइप-1 और टाइप-2 दो तरह के होते हैं। इसमें टाइप-1 के मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। क्योंकि उनमें इंसुलिन हार्मोन बनना पूरी तरह बंद हो जाता है। उनको इस हार्मोन की कमी को पूरा करने के लिए इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। टाइप-1 के मरीजों को रोज कम से कम 2 बार और ज्यादा से ज्यादा 4 या 5 बार इंजेक्शन के जरिए इंसुलिन लेना पड़ता है। इससे मरीजों को काफी परेशानी होती है।
बार-बार इंजेक्शन लगाने की पीड़ा को दूर करने के लिए बाजार में अब इंसुलिन पंप आने लगे हैं। उनकी लागत और उनका रखरखाव अभी बहुत महंगा है। एक पंप लगाने के लिए कम से कम 2.5 से 8 लाख रुपए लगते हैं, जबकि उसमें हर महीने इंसुलिन के कार्टेज, कैनुला बदलने पर 10 से 15 हजार रुपए या उससे भी ज्यादा का खर्चा आता है। सरकार अब इस पंप को चिरंजीवी योजना के पैकेज में शामिल करने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कॉकलियर इंप्लांट के रिप्लेसमेंट को भी पैकेज में शामिल करने के लिए कहा है। वर्तमान में कॉकलियर इंप्लांट चिरंजीवी योजना के तहत फ्री लगाया जाता है, लेकिन अगर किसी मरीज के ये मशीन समय से पहले खराब हो जाती है, उसे रिप्लेस किया जा सकेगा।

