राजस्थान के कोचिंग सिटी शहर में छात्रों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 6 माह में करीब 16 कोचिंग स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली है। सोमवार को भी एक छात्र ने मौत को गले लगा लिया। छात्र पुष्पेंद्र (17) जालोर से कोटा सात दिन पहले ही नीट परीक्षा की तैयारी के लिए आया था। वह अपने चचेरे भाई के साथ कोटा के जवाहर नगर थाना इलाके के राजीव गांधी नगर के हॉस्टल में रह रहा था।
चचेरा भाई बाजार में खाना लेने गया था। पीछे से पुष्पेंद्र ने कमरा बंद कर आत्महत्या कर ली। मृतक का चचेरा भाई जब बाजार से लौटा तो पुष्पेंद्र फंदे पर झूला हुआ मिला। पुलिस ने छात्र के सुसाइड की सूचना परिजनों को दी। आज मृतक छात्र के परिजन जालोर से कोटा पहुंचे और जिला प्रशासन से मांग की है कि कोटा में लगातार हो रहे सुसाइड के मामलों की तह तक जांच की जाए, ताकि छात्रों की मौत की असल वजह पता लगाई जा सके।
छात्र के परिजनों ने कहा कि पुष्पेंद्र पढ़ाई में अच्छा था और उसी ने कोटा में आकर पढ़ाई करने की जिद की थी। महज 7 दिन में कोटा में ऐसा क्या हुआ कि उसने मौत को गले लगा लिया। कोटा में इस साल छात्रों की सुसाइड का ये 17वां मामला है। यह एक चिंताजनक स्थिति है, जो जन प्रतिनिधियों से लेकर पुलिस और प्रशासन तक को चिंतित कर रही है।
जवाहर नगर थानाधिकारी वासुदेव सिंह ने कहा कि यह घटना राजीव गांधी नगर की है। मृतक पुष्पेंद्र सिंह हॉस्टल में रहता था। 7 दिन पहले ही वह जालोर से कोटा आया था और उसने कोचिंग ज्वाइन की थी। इसके साथ चचेरा भाई रहता था, कुछ समय के लिए वह बाजार गया था। करीब 15 से 20 मिनट बाद वह वापस हॉस्टल में आया, तो पुष्पेंद्र ने दरवाजा नहीं खोला। चचेरे भाई ने तुरंत ही हॉस्टल संचालक को जानकारी दी। पीछे की खिड़की का कांच तोड़कर कर देखा गया तो अंदर के हालात चौंकाने वाले थे। वासुदेव सिंह ने कहा कि मृतक पुष्पेंद्र ने नीट यूजी की तैयारी के लिए निजी कोचिंग में एडमिशन लिया था।
कोटा में इस साल में कोचिंग छात्र के सुसाइड की यह 16वीं घटना है। वहीं जुलाई में छात्रों के सुसाइड करने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले जून में पांच छात्रों ने आत्महत्या की थी।

