पैसे की कमी से एक व्यक्ति अपनी पत्नी का इलाज नहीं करा सका और उसकी मौत हो गई। वह पत्नी के शव को कंधे पर लाद कर अकेले ही 125 किमी के सफर पर निकल पड़ा। पर थका गया तो मदद की आस देखने लगा। आखिर पुलिस उसकी मददगार बनी।
ओडिशा का एक आदिवासी अपनी पत्नी का इलाज कराने में असमर्थ हो गया तो वह बीमार पत्नी को घर ले जाने लगा। रास्ते में पत्नी ने पति के हाथों में प्राण त्याग दिए। पैसे की कमी की वजह से उस व्यक्ति ने पत्नी के शव को कंधे पर उठाकर चार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की। जब थक गया तो शव वहीं जमीन पर रख दिया। उसे 125 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी। तभी पुलिस मौके पर पहुंची और उसकी पत्नी के शव को उसके घर भिजवाने की व्यवस्था की।
जानकारी के अनुसार ओडिशा के कोरापुट जिले के सुरदा गांव का सामुलु अपनी बीमार पत्नी गुरु (30 वर्ष) को इलाज के लिए विशाखापट्टनम लेकर आया था। इलाज का खर्च वहन न कर सकने पर सामुलु ऑटो-रिक्शा में वापस घर जा रहा था। रास्ते में महिला की हालत बिगड़ लगी और विजयनगरम जिले के रामावरम पुल के पास ऑटो-रिक्शा में ही दम तोड़ दिया। बाद ऑटो रिक्शा चालक ने वाहन रोक दिया और उस व्यक्ति को शव के साथ नीचे उतरने को कहा। बेबस आदिवासी सामुलू के पास अपनी पत्नी के शव को गांव ले जाने के लिए पैसे नहीं थे, जिसके चलते उसने शव को अपने कंधे पर रख पैदल चलने लगा।
वह पत्नी के शव को कंधे पर उठाकर नेशनल हाइवे पर चल रहा था, लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं आया। किसी ने इस बारे में पुलिस को सूचना दी। सूचना पर गैंट्याडा पुलिस स्टेशन के सर्किल इंस्पेक्टर तिरुपति राव और सब-इंस्पेक्टर किरण कुमार रामावरम मौके पर पहुंचे।
पुलिस अधिकारियों ने सामुलु से बात की औऱ खाना-पानी दिया तथा शव को उसके गांव ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था की। पुलिस अधिकारियों ने आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए ओडिशा में अपने समकक्षों को भी सूचित किया। विजयनगरम की पुलिस अधीक्षक दीपिका पाटिल और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने पुलिस अधिकारियों के मानवीय भाव की सराहना की।

