राजस्थान प्रदेश यूथ कांग्रेस की नई कार्यकारिणी की पहली बैठक आज जयपुर में हुई। बैठक के एक सत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने न सिर्फ युवाओं की राजनीति में भूमिका को लेकर अपने विचार रखे, बल्कि खुद की युवावस्था से जुड़े अनुभव भी साझा किए। साथ ही अगले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के टिकट दो माह पहले तय हो जाने की इच्छा जताई।
इसके अलावा गहलोत ने अपने भाषण में वरिष्ठ और युवा नेताओं को लेकर ऐसी बात कह डाली, जिसमें उनकी कथनी-करनी का अंतर साफ नजर आया। उनका सचिन पायलट के साथ शीतयुद्ध बुजुर्ग बनाम युवा मुद्दे पर ही तो जारी है। गहलोत ने कहा, युवा कार्यकर्ताओं को अपना महत्त्व जानना चाहिए। अपना हक़ मांगना चाहिए। टिकट के लिए भी दावेदारी करनी चाहिए। भले ही सीनियर लोग जगह नहीं छोड़ना चाहें, लेकिन आपको अपना हक़ जताना चाहिए। मगर जल्दबाज़ी में कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहिए। कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब आलाकमान का फैसला दिल पर पत्थर रखकर भी मानना पड़ता है। उन्होंने कहा कि दिल बहुत कोमल होता है, पर उसपर भी पत्थर रखना ज़रूरी हो जाता है।
सीएम गहलोत ने चुनाव से दो महीने पहले ही टिकट तय किये जाने की बात कही। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि चुनाव से दो महीने पहले ही सर्वे करा कर टिकट तक तय हो जाने चाहिए। इसपर प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी आग्रह किया जाएगा।
गहलोत ने पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को सत्ता से लेकर संगठन तक के महत्वपूर्ण पदों पर ज़्यादा से ज़्यादा अवसर दिए जाने की पैरवी की। साथ ही विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र टिकट वितरण में भी युवाओं को तरजीह दिए जाने की बात कही। उन्होंने उदयपुर में हुए चिंतन शिविर के संकल्प को याद दिलाते हुए कहा कि, टिकट वितरण में 50 से कम आयु के नेता को अधिक अवसर दिए जाएंगे।

