चीन में कोरोना वायरस की ताज़ा लहर ने मची तबाही के बीच भारत में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बनाए गए कोविड-19 वर्किंग ग्रुप (एनटीएजीआई) के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा है कि हमारे यहां लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
चीन में कोविड-19 वायरस से संक्रमित मरीज़ों की संख्या में तेजी से हुए इजाफे के चलते स्वास्थ्य सेवाएं चरमरी गई हैं। वहां के शीर्ष महामारी विज्ञानी और स्वास्थ्य अर्थशास्त्री एरिक फेगल-डिंग ने आशंका जताई है कि देश की करीब 60 फीसदी आबादी और दुनिया के करीब 10 प्रतिशत लोग अगले 90 दिनों में कोविड-19 से संक्रमित हो सकते हैं। इससे लाखों लोगों की मौत भी हो सकती है.
वहीं, एक समाचार एजेंसी डॉ एनके अरोड़ा के हवाले से बताया कि चीन में तेज़ी से फैल रहे कोविड संक्रमण के बारे में हम जान रहे हैं। जहां तक भारत का संबंध है, तो प्रभावी वैक्सीन की वजह से यहां की बड़ी आबादी खासकर युवाओं में अच्छी इम्यूनिटी बनी है। डॉ. अरोड़ा के अनुसार इन्साकॉग डेटा से पता चलता है कि दुनिया में हर जगह पाए जाने वाले ओमिक्रॉन के लगभग सभी सब-वेरिएंट भारत में भी मौजूद हैं। ऐसा कोई सब-वेरिएंट नहीं हैं, जो यहां नहीं फैला हुआ है। उन्होंने कहा, चीन के हालात पर कड़ी नजर रखना जरूरी है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यहां स्थिति नियंत्रण में है।
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के आंकड़ों से भी पता चलता है कि यहां यह घातक वायरल काफी हद तक काबू में हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार आज मंगलवार को भारत में 112 नए कोरोनो वायरस संक्रमण के मामले आए हैं, जबकि एक्टिव कोरोना के मामले घटकर 3,490 रह गए हैं। कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.80 प्रतिशत है। बीते रविवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

