जोधपुर में आज राजपूत समाज समेत सर्व समाज के लोगों ने महात्मा गांधी अस्पताल की मॉर्च्युरी से सुबह 11.30 बजे से आक्रोश रैली निकाली। लोग काले झंडे लहराते हुए सड़कों पर निकले। आक्रोश रैली सोजती गेट, नई सड़क होते हुए दोपहर 3 बजे के करीब कलेक्ट्रेट परिसर पहुंची। पूरा परिसर छावनी में तब्दील था। पुलिस ने लोगों को कलेक्ट्रेट में घुसने से रोक दिया।
सरकार के रवैये से नाराज लोग कलेक्ट्रेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए। शाम करीब 4 बजे एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट के अंदर जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता को ज्ञापन देने गया। वहां मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। गुस्साया प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर के चैंबर में ही धरने पर बैठ गया। करीब 2 घंटे तक कलेक्टर चैंबर में ही सभी डटे रहे। इसके बाद अपने आप वहां से उठकर बाहर आ गए।
देर शाम तक कलेक्ट्रेट के बाहर प्रतिनिधिमंडल के लोग भीड़ के साथ मौजूद रहे। पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने बताया कि मांगें नहीं माने जाने तक महात्मा गांधी अस्पताल की मॉर्च्युरी के बाहर धरना जारी रखा जाएगा।
8 दिसंबर को जोधपुर जिले के शेरगढ़ स्थित भूंगरा गांव में सगत सिंह के बेटे सुरेंद्र सिंह की शादी का कार्यक्रम था। इसी दौरान कई सिलेंडर ब्लास्ट हो गए। इसकी चपेट में आकर 81 लोग झुलस गए थे। इनमें से 55 को महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हादसे में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री सहायता कोष से मृतकों को 2-2 लाख और घायलों को 1 लाख की मदद दी गई है। राजपूत सभा की ओर से कहा गया कि राजस्थान के इतिहास में ग्रामीण क्षेत्र में यह सबसे बड़ी गैस त्रासदी है। ऐसे में मदद ऊंट के मुंह में जीरा है।
मार्च में जोधपुर सहित आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में युवा और ग्रामीण पहुंचे। हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों को 50 लाख की आर्थिक सहायता और एक सरकारी नौकरी, हादसे में घायल को 25 लाख की आर्थिक सहायता देने की मांग की जा रही है।

