झीलों की नगरी उदयपुर में पुलिस ने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि, एक दिन पहले हुई धर्मसभा में उनके एक बयान को लेकर पुलिस ने यह एक्शन लिया है। धर्मसभा में धीेरेन्द्र शास्त्री ने लोगों को आह्वान करते हुए कहा था कि राजसमंद जिले के कुम्भलगढ किले में जो 100 हरे झंडे लगे हैं, वहां भगवा झंडा लगवाओ।
पुलिस ने इसे धार्मिक हिंसा भडकाने वाला माना है। इसे लेकर शहर के हाथीपोल थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि उनके बयान को भडकाऊ और विवादित मानते हुए एफआईआर दर्ज की गई है।
एडिशनल एसपी चन्द्रशील ठाकुर ने बताया- पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा समुदायों के बीच विवाद बढाने वाले उत्तेजक शब्दों का प्रयोग किया गया। इसी बयान के बाद कुछ युवाओं ने कुम्भलगढ किले पर गुरुवार रात में उत्पात मचाने की कोशिश की। इस सिलसिले में 5 युवाओं को गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ केलवाडा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
धीरेन्द्र शास़्त्री ने उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर कहा- एक कन्हैया धोखे से चला गया। अब घर-घर कन्हैया बैठा है।
उदयपुर शहर के गांधी ग्राउंड में गुरुवार को एक धर्मसभा का आयोजन किया गया था। इसमें पंडित धीरेंद्र शास्त्री के साथ कथा मर्मज्ञ पंडित देवकीनंदन ठाकुर और बांसवाडा के संत उत्तम स्वामी सहिम कई संत-महात्मा मंच पर मौजूद थे।
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने अपने बयान में कुम्भलगढ किले में भगवा झंडा लगवाने का तीन बार जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘डरते तो हम किसी के बाप से नहीं हैं। डरते तो वो हैं, जो बुजदिल होते हैं। हम तो वो हैं, जो कुम्भलगढ किले में भी भगवा झंडा लगवाकर मानेंगे। युवाओं की भीड को आह्वान करते हुए बोले- तुम चाहते हो कि वहां भगवा झंडा लहराए। क्या ये बात सही है, अगर सही तो क्यों चुप बैठे हो।’
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- ‘मेवाड में रहने वाले सनातनियों को जातियों में बंट कर नहीं, बल्कि एक होकर हिंदुत्व के लिए लडना चाहिए। अगर भारत में रहना होगा तो सीता-राम कहना होगा। अब हिंदुओं पर अत्याचार नहीं सहा जाएगा। हिंदू को जागना होगा।’
उन्होंने शपथ दिलाई कि राम-श्रीकृष्ण का विरोध करने वालों को जवाब देंगे, संतों की रक्षा करेंगे और जब तक भारत हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं होता, चैन से नहीं बैठेंगे।
उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने कहा- उनके बयान का संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज किया है। मामले में जांच में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

